Balram Talab Yojana: किसानों को खेती में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार ने बलराम तालाब योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में तालाब बनाने के लिए 80,000 से 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को सिंचाई की समस्या से राहत दिलाना और उनकी खेती की पैदावार को बढ़ाना है।
क्या है बलराम तालाब योजना?
बलराम तालाब योजना राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेत में तालाब बनाने के लिए 75% तक की सब्सिडी दी जाती है। लघु और सीमांत किसानों को 40% या अधिकतम 80,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 75% या अधिकतम 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। यह योजना स्पेशली उन किसानों के लिए है जो सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।
2024-25 में कितने तालाब बनाने का है लक्ष्य?
वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत, मध्यप्रदेश सरकार ने बलराम तालाब योजना के अंतर्गत 6,144 तालाब बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 5,308.34 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में, इस योजना के तहत 662 तालाब बनाए गए थे, जिन पर 569.30 लाख रुपये की लागत आई थी। यह आंकड़ा बताता है कि सरकार इस योजना को लेकर कितनी गंभीर है और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
कैसे करें बलराम तालाब योजना के लिए आवेदन?
जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- क्षेत्रीय अधिकारी से संपर्क करें: आवेदन करने के लिए किसान को अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी को आवेदन देना होगा।
- तकनीकी मंजूरी: जिला कृषि उप संचालक द्वारा तालाब निर्माण के लिए तकनीकी मंजूरी दी जाएगी।
- प्रशासनिक स्वीकृति: जिला पंचायत से प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद तालाब निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है।
- ऑनलाइन आवेदन: किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
किन दस्तावेजों की होगी जरूरत?
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें शामिल हैं:
- आधार कार्ड
- पहचान पत्र
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- बैंक खाते की पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
योजना के तहत आवेदन से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- खुद की भूमि पर तालाब: इस योजना के तहत किसान को अपनी जमीन पर ही तालाब बनवाना होगा।
- एक बार लाभ: एक किसान केवल एक बार इस योजना का लाभ उठा सकता है।
- ड्रिप या स्प्रिंकलर सेट की शर्त: वही किसान पात्र होंगे जिन्होंने 2017-18 या उसके बाद ड्रिप या स्प्रिंकलर सेट लगवाया हो और वह वर्तमान में चालू अवस्था में हो।
- पट्टे की भूमि पर तालाब नहीं: पट्टे या लीज पर ली गई जमीन पर तालाब का निर्माण नहीं किया जा सकता।
- जाँच और वेरीफाई: सभी शर्तें पूरी होने और भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी द्वारा वेरीफाई के बाद ही सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
तालाब निर्माण के फायदे
तालाब बनाकर किसान कई तरह के फायदे उठा सकते हैं:
- सालभर पानी की उपलब्धता: तालाब के माध्यम से पूरे साल सिंचाई के लिए पानी की सुविधा बनी रहती है।
- खेती की लागत में कमी: सिंचाई की समस्या दूर होने से खेती की लागत कम होती है।
- फसल की पैदावार में वृद्धि: पर्याप्त पानी मिलने से फसल की गुणवत्ता और पैदावार दोनों में सुधार होता है।
- मिट्टी की नमी बनाए रखना: तालाब मिट्टी की नमी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे फसलों को सूखे के दौरान भी नुकसान नहीं होता।
योजना का असर और सरकारी प्रयास
बलराम तालाब योजना से किसानों को सिंचाई के लिए पानी की समस्या से काफी राहत मिली है। सरकार का यह प्रयास न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भी एक अहम पहल है।
ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल का उपयोग
सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। पोर्टल पर आवेदन करने से किसानों को समय की बचत होती है और उन्हें सीधे योजना का लाभ मिलता है।