Jan Dhan accounts: प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से की गई थी। इस योजना के तहत ज़ीरो बैलेंस खाते खोलने की सुविधा दी गई। योजना का उद्देश्य था कि हर परिवार के पास कम से कम एक बैंक खाता हो, ताकि वे सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त कर सकें।
दिसंबर 2024 तक हर पांच में से एक खाता हुआ बंद
हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खुले हर पांच में से एक खाता बंद हो चुका है। बंद खाता वह होता है, जिसमें लगातार 24 महीने तक कोई लेन-देन नहीं किया गया हो। मार्च 2024 में यह संख्या 19% थी, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर 21% हो गई। सरकारी प्रयासों के बावजूद यह आंकड़ा चिंता का विषय बना हुआ है।
देशभर में 11 करोड़ बंद खाते
देशभर में कुल 11 करोड़ जन धन खाते बंद हो चुके हैं। सबसे अधिक बंद खाते बैंक ऑफ बड़ौदा में हैं, जहां 2.9 करोड़ खाते बंद हैं। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में 2 करोड़, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में 1.8 करोड़, और बैंक ऑफ इंडिया में 1.26 करोड़ बंद खाते हैं। यह आंकड़े संकेत देते हैं कि योजना के तहत खोले गए खातों का ढंग से उपयोग नहीं हो रहा है।
खातों में एवरेज जमा राशि
अगस्त 2024 तक जन धन खातों में कुल जमा राशि 2.31 लाख करोड़ रुपये थी। प्रत्येक खाते में औसतन 4,352 रुपये जमा होने से यह स्पष्ट होता है कि योजना ने समाज के कमजोर वर्गों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में मदद की है। इन खातों का मुख्य उपयोग प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए किया जा रहा है।
जन धन खातों के बंद होने के कारण
- कम लेन-देन एक्टिविटी: ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग जागरूकता की कमी के कारण खाताधारक इन खातों का नियमित रूप से उपयोग नहीं कर पाते।
- लिमिटेड यूज़: कई खातों का उपयोग केवल DBT के लिए किया जाता है, जिससे अन्य बैंकिंग सेवाओं जैसे बचत, निवेश, और बीमा की संभावना कम हो जाती है।
- अवसरों की कमी: खाताधारकों के पास आय के सीमित सोर्स होने के कारण इन खातों में लेन-देन की मात्रा कम रहती है।
बंद खातों को एक्टिव करने की योजना
वित्त मंत्रालय और सरकारी बैंकों ने बंद खातों को सक्रिय करने के लिए कई पहल की हैं। बैंक खाताधारकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं, बचत योजनाओं, और बीमा उत्पादों के लाभ के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा, खाताधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें नियमित लेन-देन करने की सलाह दी जा रही है।
यूको बैंक और पंजाब नेशनल बैंक
जन धन योजना के तहत खातों को खोलने में सरकारी बैंकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- यूको बैंक ने अपने वार्षिक लक्ष्य का 110% हासिल करते हुए 10 लाख नए खाते खोले।
- पंजाब नेशनल बैंक ने 41 लाख खाते खोलकर अपने लक्ष्य का 98% पूरा किया।
- बैंक ऑफ बड़ौदा ने 29.5 लाख खाते खोलकर 89% लक्ष्य हासिल किया।
- भारतीय स्टेट बैंक ने 66 लाख खाते खोलकर अपने लक्ष्य का 86% पूरा किया।
योजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम
- वित्तीय जागरूकता बढ़ाना: ग्रामीण और शहरी गरीब वर्गों को बैंकिंग सेवाओं का महत्व समझाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
- डिजिटल सेवाओं का विस्तार: खाताधारकों को डिजिटल लेन-देन की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना होगा, ताकि वे नियमित रूप से अपने खातों का उपयोग कर सकें।
- बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार: ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं बढ़ाने से लोगों को अपने खातों का उपयोग करने में आसानी होगी।