Today Onion Price: प्याज की रिकॉर्ड बुआई के कारण बाजार में इसकी कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले 15 दिनों में प्याज के भाव ₹14 प्रति किलो तक घट चुके हैं। मंडी में प्रतिदिन लगभग 2500 बैग प्याज की आवक हो रही है, जिससे बाजार में मंदी का असर दिख रहा है।
मंडियों में प्याज की कीमतों में गिरावट
सीकर कृषि उपज मंडी में पहले लोकल प्याज ₹25 से ₹30 प्रति किलो बिक रहा था, लेकिन नई फसल के आगमन के साथ थोक भाव ₹12 से ₹16 प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। यह गिरावट किसानों के लिए चिंता का कारण बन रही है।
थोक बाजार में प्याज की कीमत में भारी गिरावट
15 दिसंबर के बाद से प्याज के थोक भाव में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण रबी सीजन की फसल का आगमन और ज्यादा आपूर्ति है। महाराष्ट्र, नासिक और अलवर से भी प्याज की लगातार सप्लाई हो रही थी, जिससे मंडी में प्याज की मात्रा अधिक हो गई और दाम नीचे गिर गए।
सीकर जिले में इस बार रिकॉर्ड बुआई
सीकर जिले में इस बार प्याज की बुआई रिकॉर्ड लेवल पर हुई है। उद्यान विभाग के अनुसार, पिछले साल जिले में 18,000 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की खेती हुई थी, लेकिन इस बार यह क्षेत्र 22,000 से 23,000 हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। बुआई का बढ़ता रुझान किसानों की उम्मीदें बढ़ा रहा था, लेकिन दाम गिरने से उनकी चिंता बढ़ गई है।
प्याज के दाम गिरते ही किसानों की मायूसी बढ़ी
प्याज के थोक भाव में गिरावट आते ही किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। खुदरा बाजार में भी प्याज की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। सीकर शहर में खुदरा विक्रेता लोकल प्याज ₹20 से ₹25 प्रति किलो तक बेचने लगे हैं। पिछले 15 दिनों में खुदरा बाजार में प्याज के दाम ₹20 से ₹25 प्रति किलो तक कम हुए हैं।
अक्टूबर में ₹100 किलो तक बिकने के बाद बढ़ी थी बुआई
पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में प्याज के खुदरा भाव ₹80 से ₹100 प्रति किलो तक पहुंच गए थे। इससे किसानों में उत्साह बढ़ा और उन्होंने बुआई का दायरा बढ़ा दिया। लेकिन अब जब आपूर्ति ज्यादा हो गई है, तो दाम गिरने लगे हैं, जिससे किसान हताश हैं।
महंगे दाम को देखकर किसानों ने किया इन्वेस्ट
सीकर जिले के रसीदपुर के किसान ने इस बार 60 बीघा से ज्यादा क्षेत्र में प्याज की बुआई की है। उनका कहना है कि पिछले साल प्याज के ऊंचे दाम को देखकर उन्होंने इस बार अधिक क्षेत्र में प्याज उगाने का फैसला लिया, लेकिन अब दाम गिरने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
प्याज की कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण
- काफी उत्पादन – इस साल रिकॉर्ड स्तर पर प्याज की बुआई हुई है।
- अधिक आपूर्ति – महाराष्ट्र, नासिक और अलवर से भी प्याज की आपूर्ति जारी है।
- रबी सीजन की फसल की आवक – नई फसल आते ही दाम गिरने लगे हैं।
- थोक बाजार में मंदी – मंडी में प्याज की मांग की तुलना में आपूर्ति अधिक हो गई है।
किसान क्या चाहते हैं?
- किसानों की मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करे, ताकि उन्हें सही कीमत मिल सके।
- प्याज का निर्यात बढ़ाया जाए, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें स्थिर रह सकें।
- भंडारण की सुविधाओं को बेहतर बनाया जाए, जिससे प्याज को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सके।