4 Day Working Rule: यूनाइटेड किंगडम में 200 से अधिक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए हफ्ते में चार दिन काम करने का नियम लागू कर दिया है। यह ऐतिहासिक कदम कर्मचारियों को बेहतर जीवन जीने और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस नियम के तहत कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं की जाएगी, जिससे कर्मचारियों और कंपनियों दोनों को फायदा होगा।
4 डे वीक
4 डे वीक फाउंडेशन के समर्थन से लागू किए गए इस नियम में कई सेक्टरों, जैसे मार्केटिंग, आईटी, टेक्नोलॉजी, और चैरिटी संगठनों की भागीदारी है। इस फैसले का समर्थन करने वालों का कहना है कि पारंपरिक 5 डे वर्किंग पैटर्न पुरानी अर्थव्यवस्था की देन है, जिसे बदलने की जरूरत है।
4 डे वीक फाउंडेशन के निदेशक जो राइल के अनुसार, “9-5 का वर्किंग पैटर्न लगभग 100 साल पहले बना था और यह आज के समय में प्रासंगिक नहीं है।” उनका मानना है कि चार दिन काम करने से कर्मचारियों को ज्यादा खाली समय मिलेगा, जिससे वे अपने जीवन को और बेहतर तरीके से जी पाएंगे।
किस-किस सेक्टर ने किया बदलाव अपनाया
यह बदलाव सबसे पहले मार्केटिंग, विज्ञापन, और पब्लिक रिलेशन कंपनियों में शुरू हुआ। बाद में इसे प्रौद्योगिकी, आईटी, और सॉफ्टवेयर कंपनियों ने भी अपनाया। अभी तक लंदन की 59 कंपनियों सहित कुल 200 कंपनियां इस नियम को लागू कर चुकी हैं।
वर्क कल्चर में बदलाव
कोविड-19 महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम ने पारंपरिक कार्य संस्कृति को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया। महामारी ने यह साबित किया कि कर्मचारियों की प्रोडक्शन कार्यस्थल पर उनकी उपस्थिति पर निर्भर नहीं करती। जब कई बड़ी कंपनियों, जैसे जेपी मॉर्गन चेस और अमेज़ॅन ने कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन ऑफिस आने का आदेश दिया, तो इसका काफी विरोध हुआ।
युवाओं में चार दिन काम करने की बढ़ती रुचि
एक सर्वेक्षण के अनुसार, 18 से 34 साल के युवा चार दिन काम करने के नियम को ज्यादा उचित मानते हैं। लगभग 78% युवाओं का मानना है कि आने वाले पांच सालों में यह नियम कार्यस्थलों का आदर्श बन जाएगा।
चार दिन काम करने के फायदे
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार:
चार दिन का वर्किंग पैटर्न कर्मचारियों को काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और उनके समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है। - प्रोडक्शन में बढ़ोतरी
कम दिनों में काम करने से कर्मचारियों की उत्पादकता में सुधार देखा गया है। जब कर्मचारियों को कम समय में काम खत्म करना होता है, तो वे अधिक केंद्रित और कुशल हो जाते हैं। - परिवार और पर्सनल टाइम:
एक्स्ट्रा एक दिन की छुट्टी कर्मचारियों को अपने परिवार और व्यक्तिगत शौक के लिए समय देने का मौका देती है। - पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव:
कम दिनों में काम करने से ऑफिस का खर्च कम होता है और यात्रा के कारण होने वाला प्रदूषण भी घटता है।
लेबर पार्टी और समाज का सपोर्ट
लेबर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस नियम का सपोर्ट किया है। हालांकि, यह पार्टी की ऑफिसियल पालिसी नहीं है, लेकिन यह मुद्दा समाज में चर्चा का विषय बन गया है। युवाओं और संगठनों का मानना है कि यह कदम कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव लाएगा।
स्पार्क मार्केट रिसर्च
स्पार्क मार्केट रिसर्च के सर्वेक्षण में पाया गया कि युवाओं की प्राथमिकता अब मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। चार दिन काम करने का नियम इन दोनों क्षेत्रों में पॉजिटिव बदलाव लाने में मददगार साबित हो सकता है।
भारतीय संदर्भ में 4 डे वीक
जहां एक ओर ब्रिटेन जैसे देश चार दिन काम करने के नियम को अपना रहे हैं, वहीं भारत में वर्किंग आवर्स और वर्क कल्चर पर बहस जारी है। भारत में अभी भी कई लोग हफ्ते में 70 से 90 घंटे काम करने की सलाह देते हैं। ऐसे में, ब्रिटेन का यह कदम भारत सहित अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।