Public Holiday: साल 2024 के सरकारी कैलेंडर के अनुसार, होली को लेकर तीन दिन की सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। 17 दिसंबर 2024 को जारी कैलेंडर के मुताबिक, 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च (शुक्रवार) को होली के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा।
इसके अलावा, कुछ राज्यों और स्थानों पर शनिवार (15 मार्च) को भी होली मनाई जाएगी, इसलिए इस दिन निर्बंधित अवकाश की घोषणा की गई है। यह अवकाश हर सरकारी कर्मचारी को दिया जाता है, लेकिन इसे लेने के लिए कर्मचारियों को पूर्व आवेदन देना होगा। चूंकि 16 मार्च रविवार है, इसलिए इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
कौन-कौन से विभागों में रहेगा अवकाश?
यह सार्वजनिक अवकाश मुख्य रूप से सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, बैंक और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में लागू होगा। हालांकि, निजी कंपनियों और संस्थानों में यह उनके अपने नियमानुसार निर्भर करेगा कि वे छुट्टी देंगे या नहीं।
- सरकारी कार्यालय:पूरी तरह बंद रहेंगे।
- बैंक: होली के अवसर पर सभी बैंकों में अवकाश रहेगा।
- विद्यालय एवं कॉलेज: सभी शैक्षणिक संस्थान इन तीन दिनों तक बंद रहेंगे।
- प्राइवेट सेक्टर: कुछ प्राइवेट कंपनियां इस अवकाश को लागू कर सकती हैं, लेकिन कई कंपनियां इसे निर्बंधित अवकाश के रूप में मान्यता देती हैं।
क्यों मनाई जाती है होली?
होली भारत में हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह पर्व रंगों, प्रेम, भाईचारे और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। होली के इतिहास की बात करें तो यह भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद और उनके पिता हिरण्यकशिपु की कहानी से जुड़ा हुआ है।
होलिका दहन की परंपरा इस कथा को दर्शाती है कि जब हिरण्यकशिपु की बहन होलिका ने भक्त प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की थी, तब वह खुद ही आग में जल गई थी। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।
इसके अलावा, राधा-कृष्ण के प्रेम प्रसंग से भी होली का गहरा संबंध है। माना जाता है कि ब्रज में होली कृष्ण की रासलीला और रंगों की परंपरा के रूप में मनाई जाती है।
देशभर में कैसे मनाई जाती है होली?
भारत में होली का उत्सव विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। हर क्षेत्र में होली की अपनी खास परंपराएं होती हैं।
- ब्रज की लट्ठमार होली: उत्तर प्रदेश के बरसाना और नंदगांव में लट्ठमार होली प्रसिद्ध है। इसमें महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं और पुरुष ढाल से बचते हैं।
- मथुरा-वृंदावन की होली: यहां राधा-कृष्ण की होली का विशेष आयोजन होता है। मंदिरों में रंगों की होली खेली जाती है।
- शांतिनिकेतन की बसंती होली: पश्चिम बंगाल में रबींद्रनाथ टैगोर के विश्वभारती विश्वविद्यालय में इस दिन को वसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
- बिहार की फगुआ होली: बिहार में होली को ‘फगुआ’ के नाम से जाना जाता है, जहां लोकगीतों के साथ रंगों का त्योहार मनाया जाता है।
- पंजाब की होला मोहल्ला: सिख समुदाय इसे होला मोहल्ला के रूप में मनाता है, जहां पारंपरिक युद्ध कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।