New Expressways: अक्सर देखा जाता है कि त्योहारों के दौरान अपने घरों से दूर रहने वाले लोग लंबी दूरी तय करके अपने घर पहुंचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में सीमित परिवहन संसाधनों और सड़कों की खराब हालत उनकी यह मंशा पूरी नहीं करने देती। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही देश को 5 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की सौगात देने जा रही है। इनमें से तीन एक्सप्रेसवे मार्च 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे, जबकि दो अन्य मार्च 2026 तक पूरे होने की संभावना है।
किन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है?
केंद्र सरकार द्वारा इन पांचों ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की देखरेख में किया जा रहा है। इनकी तय समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है।
अगले साल मार्च 2024 तक तैयार होने वाले एक्सप्रेसवे:
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (1386 KM.)
- अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे (109 KM.)
- बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे (262 KM.)
मार्च 2026 तक पूरे होने वाले एक्सप्रेसवे:
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (63 KM.)
- दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (669 KM.)
देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जिसकी कुल लंबाई 1386 किलोमीटर होगी। इस परियोजना का 90% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। दिल्ली से वडोदरा तक के हिस्से पर तेज़ी से काम चल रहा है, और उम्मीद है कि यह मार्च 2024 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे
अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 109 किलोमीटर होगी। इसे 3500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे सरखेज, साबरमती, खंभात के पास सरदार पटेल रिंग रोड से धोलेरा, अधेलाई और भावनगर तक फैला होगा। इससे गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों को जबरदस्त फायदा मिलेगा।
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे
बेंगलुरु-चेन्नई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 262 किलोमीटर लंबा होगा और यह कर्नाटक के होसकोटे से तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर तक जाएगा। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर से दोनों राज्यों के बीच यातायात सुगम होगा और औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना मार्च 2025 तक पूरी होने की संभावना है।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों लखनऊ और कानपुर को जोड़ने के लिए 63 किलोमीटर लंबा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इस परियोजना का काम तेज़ी से चल रहा है और इसे मार्च 2026 तक पूरा करने की योजना है। यह हाई-स्पीड रोड दोनों शहरों के बीच यात्रा को सुगम बनाएगी और यातायात जाम की समस्या को कम करेगी।
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 669 किलोमीटर होगी और यह मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। इससे दिल्ली, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा वैष्णो देवी और अमृतसर के धार्मिक स्थलों तक आसान पहुँच होगी।
एक्सप्रेसवे से आम जनता को क्या फायदा होगा?
इन सभी एक्सप्रेसवे के बनने से देश में परिवहन व्यवस्था पहले से अधिक बेहतर हो जाएगी। ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे, जिससे लोगों को ये लाभ होंगे:
- यात्रा का समय कम होगा – हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे से सफर तेज़ और आसान होगा।
- ट्रैफिक की समस्या से राहत – बड़ी सड़कों से जाम की समस्या कम होगी।
- इंधन की बचत – एक्सप्रेसवे पर कम रुकावटों के कारण वाहनों का ईंधन कम खर्च होगा।
- औद्योगिक और व्यावसायिक विकास – इन सड़कों के आसपास नए उद्योग और व्यापार बढ़ेंगे।
- यातायात सुरक्षा में सुधार – एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्माण किया जा रहा है।