5th and 8th Board Exams: अगर आपके बच्चे 5वीं या 8वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हरियाणा में इन कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं मार्च के दूसरे हफ्ते में आयोजित की जाएंगी। परीक्षा के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को इस बार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा तैयार किए गए पेपरों के माध्यम से परीक्षा देनी होगी। परीक्षा का रिजल्ट 31 मार्च को घोषित किया जाएगा।
फेल होने पर मिलेगा दोबारा मौका
जो विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा में असफल होंगे, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। उन्हें अप्रैल-मई में 50 दिन की स्पेशल पढ़ाई करनी होगी। इस दौरान उन्हें फिर से परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा। विद्यार्थी की आंसर सीट की मार्किंग उसी स्कूल के शिक्षक करेंगे, जहां पर वह पढ़ाई कर रहे हैं। इस बार यदि कोई विद्यार्थी फेल हो जाता है, तो उसकी रिपोर्ट कार्ड में “प्रोमोटिड” के स्थान पर “अनुतीर्ण या फैल” लिखा जाएगा।
मई के अंत में दोबारा होगी परीक्षा
जो विद्यार्थी 50 दिनों की पढ़ाई के बाद भी परीक्षा में शामिल नहीं होते या पास नहीं हो पाते हैं, उनके लिए मई के अंत में दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। अगर विद्यार्थी इस परीक्षा में पास हो जाता है, तो उसे अगली कक्षा में दाखिला मिल जाएगा, लेकिन यदि वह फिर भी असफल होता है, तो उसे उसी कक्षा में दोबारा पढ़ाई करनी होगी।
गर्मी की छुट्टियों में होगी पढ़ाई की व्यवस्था
जो विद्यार्थी विशेष परीक्षा देकर पास हो जाते हैं, उनके लिए अप्रैल-मई की पढ़ाई गर्मी की छुट्टियों में होमवर्क के रूप में कराई जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे जुलाई में स्कूल खुलने के बाद बाकी विद्यार्थियों के साथ पढ़ाई कर सकें और किसी भी तरह से पीछे न रहें।
अभिभावकों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी
बच्चों की पढ़ाई की भरपाई सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। स्कूल प्रशासन बच्चों के लिए स्पेशल कक्षाएं और मार्गदर्शन सत्र आयोजित करेगा, जिससे वे परीक्षा के लिए और अधिक तैयार हो सकें।
SCERT का नया सिलेबस और परीक्षा पैटर्न
इस बार की परीक्षा में SCERT द्वारा तैयार किए गए नए सिलेबस और परीक्षा पैटर्न का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कदम विद्यार्थियों को अधिक सटीक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके तहत छात्रों को वास्तविक समझ विकसित करने में मदद मिलेगी और वे सिर्फ रटने की आदत से बच सकेंगे।