Kanpur Lucknow Expressway: उत्तर प्रदेश में इन दिनों रोड कनेक्टिविटी को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है. कई एक्सप्रेसवे और हाईवे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है. इसी कड़ी में कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे का नाम जुड़ गया है, जो दोनों शहरों के बीच यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा. अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो यह एक्सप्रेसवे इसी साल जनता के लिए खुल जाएगा.
जाम का झंझट होगा खत्म
लखनऊ और कानपुर के बीच सफर करने वाले लोगों को अक्सर जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. यह एक्सप्रेसवे जाम की इस समस्या का समाधान करेगा. इसके जरिए यात्रा के समय में कमी तो आएगी ही, साथ ही यात्रियों को एक सुगम और आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा.
घंटों का सफर मिनटों में
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे 8 लेन का होगा. जबकि पहले इसे 6 लेन का बनाने की योजना थी. इस एक्सप्रेसवे के जरिए दोनों शहरों के बीच की दूरी को तय करने में लगने वाला समय घटकर घंटों से मिनटों में रह जाएगा. जहां अभी लखनऊ से कानपुर जाने में लगभग 3 घंटे लगते हैं, वहां इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद यह सफर मात्र 45 मिनट में तय किया जा सकेगा.
एक्सप्रेसवे का रूट और निर्माण
इस एक्सप्रेसवे का रूट लखनऊ के शहीद पथ से शुरू होगा और नवाबगंज, बंथरा, बनी, दतौली कांठा, तौरा, नेओरना, अमरसास और रावल से होते हुए कानपुर तक पहुंचेगा.
- लंबाई: 63 किलोमीटर
- एलिवेटेड रोड: 18 किलोमीटर
- ग्रीन फील्ड रूट: 45 किलोमीटर
इस प्रोजेक्ट में 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है.
लखनऊ के 14 गांव होंगे कनेक्ट
इस एक्सप्रेसवे के जरिए लखनऊ के 14 गांवों को जोड़ा जाएगा. इनमें अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहसा, फरुखाबाद, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी गांव शामिल हैं. इससे इन गांवों में भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
डेडलाइन से पहले होगा तैयार
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर तेजी दिखाई जा रही है. पहले इसकी डेडलाइन जुलाई 2025 तय की गई थी, लेकिन अब इसे चार महीने पहले, यानी मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने निर्माण एजेंसियों को यह निर्देश दिया है कि परियोजना समय से पहले पूरी हो.
अधिकतम स्पीड और वाहन की सुविधा
45 किलोमीटर लंबी 6 लेन रोड पर वाहन अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे. इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा. बल्कि लोगों को सुगम और तेज यात्रा का अनुभव भी मिलेगा.
रिंग रोड से जुड़ने का लाभ
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा. इससे मेन रोड पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों को और भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. यह कदम विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा जो आसपास के क्षेत्रों से आते-जाते हैं.
यूपी को मिल रही एक्सप्रेसवे की सौगात
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के अलावा उत्तर प्रदेश को कई और एक्सप्रेसवे की सौगात मिल चुकी है. इनमें प्रमुख हैं:
- गंगा एक्सप्रेसवे
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
- यमुना एक्सप्रेसवे
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन जाएगा.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
- व्यापार में वृद्धि: दोनों शहरों के बीच तेज कनेक्टिविटी व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देगी.
- निवेश में बढ़ोतरी: बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से निवेश आकर्षित होगा.
- पर्यटन को बढ़ावा: लखनऊ और कानपुर में पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान होगा.
पर्यावरण के लिए ग्रीन फील्ड रूट
45 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड रूट को पर्यावरण अनुकूल तरीके से डिजाइन किया जा रहा है. इससे निर्माण के दौरान पेड़ों को बचाने और हरियाली बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा.