Bihar Railway Line: बिहार के सुपौल और अररिया जिलों में रेलवे कनेक्टिविटी के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। जिस सपने को भूतपूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने सालों पहले देखा था, वह अब साकार होने की ओर है।
ललित बाबू, जिन्हें देश की राजनीति और रेलवे विकास के क्षेत्र में एक बड़ा नाम माना जाता है, उनके प्रयासों से कोसी के कठिन इलाकों में रेलवे नेटवर्क का विस्तार हुआ। अब एक बार फिर उनके गृह जिले में सुपौल-अररिया रेलखंड पर ट्रेन चलने की तैयारियां जोरों पर हैं।
ललित नारायण मिश्र की विकासवादी सोच
ललित नारायण मिश्र सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि एक दूरदर्शी योजनाकार भी थे। उन्होंने कोसी जैसे बाढ़ग्रस्त और अविकसित क्षेत्रों में रेलवे लाइन बिछाने का सपना देखा था।
सहरसा से सुपौल तक रेल नेटवर्क को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने इसे फारबिसगंज तक पहुंचाने की योजना बनाई थी। हालांकि उनके असमय निधन के कारण यह सपना अधूरा रह गया था। लेकिन आज भी केंद्र सरकार और रेलवे उनके इसी विजन को पूरा करने में जुटी हुई है।
सुपौल-अररिया रेलखंड पर शुरू हुआ मालगाड़ी का परिचालन
इस परियोजना के तहत सुपौल-अररिया-गलगलिया नई रेल परियोजना पर काम चल रहा है। सुपौल से पिपरा बाजार तक रेलवे ट्रैक बिछाने और पुल-पुलिया निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है।
खुशी की बात यह है कि मालगाड़ी का परिचालन पहले ही शुरू हो चुका है। 13 फरवरी को पहली मालगाड़ी सुपौल से रवाना की गई थी। इसके बाद से लोकल लोगों में उत्साह है और वे जल्द सवारी गाड़ी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
2025 में शुरू होगी यात्री गाड़ियों की सेवा
सांसद दिलेश्वर कामैत ने हाल ही में बताया कि 31 मार्च 2025 से पहले सुपौल से पिपरा तक सवारी गाड़ियों का परिचालन शुरू हो सकता है।
इस योजना के तहत जैसे ही पुल और अन्य संरचनाओं का कार्य पूरा होगा, त्रिवेणीगंज तक भी ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। इससे इस क्षेत्र के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा, जो सालों से बेहतर रेल कनेक्टिविटी का इंतजार कर रहे थे।
रेलवे का विस्तार लाएगा क्षेत्र में आर्थिक विकास
सुपौल-अररिया रेल लाइन से न सिर्फ आवागमन सुगम होगा बल्कि व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
मालगाड़ी के परिचालन से लोकल व्यवसायियों को माल ढुलाई में सुविधा मिलेगी और परिवहन लागत में कमी आएगी। साथ ही, किसानों को भी अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी।
रेल कनेक्टिविटी से इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और छोटे-बड़े व्यवसायों को नई जान मिलेगी।
12 नए स्टेशन बनेंगे इस रेल लाइन पर
95 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड पर कुल 14 रेलवे स्टेशन निर्धारित किए गए हैं, जिनमें से 12 स्टेशन नए बनाए जा रहे हैं।
इन स्टेशनों में सुपौल और अररिया कोर्ट के अलावा थुमहा, पिपरा, त्रिवेणीगंज, लक्ष्मीपुर, जदिया, बघैली, खजुरी बाजार, मनुल्लाहपट्टी, भरगामा, रानीगंज, बसैटी और मिर्जापुर शामिल हैं।
इससे गांव और कस्बों के लोगों को नजदीकी स्टेशन से ट्रेनों की सुविधा मिलेगी और छोटे-बड़े शहरों से सीधा जुड़ाव होगा।
कोसी क्षेत्र के विकास में रेलवे की भूमिका
कोसी क्षेत्र लंबे समय से बाढ़ और अव्यवस्था के लिए जाना जाता रहा है। यहां के दुर्गम इलाकों में सड़क और रेलवे जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी ने विकास में रोड़ा अटकाया।
लेकिन ललित बाबू के विजन और अब केंद्र सरकार की इस परियोजना से कोसी क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। रेलवे के आने से शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार क्षेत्र में नई ऊर्जा आएगी।
जारी है निर्माण कार्य
रेलवे अधिकारियों के अनुसार सुपौल-अररिया-गलगलिया रेल परियोजना पर काम जारी है। ट्रैक बिछाने के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों और पुल-पुलियाओं का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है।
सड़क मार्ग से आने वाले यात्री भी अब सुपौल से त्रिवेणीगंज और आगे तक रेल सफर की योजना बना रहे हैं।