Fake Ration Card: राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे। इसी उद्देश्य से राज्य में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अपात्र लाभार्थियों का नाम सूची से हटाया जा रहा है और पात्र लोगों को जोड़ा जा रहा है। जयपुर जिले में इस मिशन के तहत अब तक कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
जयपुर में शुरू हुई कार्रवाई
जयपुर में जिला रसद अधिकारी ने अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला रसद अधिकारी त्रिलोकचंद मीणा ने बताया कि जयपुर प्रथम के 44 और जयपुर द्वितीय के 42 लाभार्थियों सहित कुल 86 अपात्र लाभार्थियों को नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशानुसार की जा रही है।
‘गिव अप’ अभियान के तहत अपात्र लोग खुद हटवा सकते हैं नाम
राज्य सरकार ने ‘गिव अप’ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अपात्र लाभार्थियों को अपनी मर्जी से से खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटाने के लिए मोटीवैट किया जा रहा है। ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य सरकारी, अर्द्ध सरकारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत है, जो 1 लाख रुपये से अधिक वार्षिक पेंशन प्राप्त करता है, जिनकी कुल आय 1 लाख रुपये से अधिक है, जो निजी चार पहिया वाहन धारक हैं या जो इनकम टैक्स वाले हैं, उन्हें सूची से अपना नाम हटाने का रीक्वेस्ट की जा रही है।
28 फरवरी तक का समय
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों को 28 फरवरी तक का समय दिया गया है ताकि वे अपनी मर्जी से से अपना नाम सूची से हटा सकें। यह ‘गिव अप’ अभियान 3 दिसंबर से जारी है और पहले इसकी अंतिम तिथि 31 जनवरी थी, लेकिन अब इसे 28 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। जो लाभार्थी 28 फरवरी तक खुद आवेदन करके अपना नाम नहीं हटवाते, उनके खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
जयपुर में हजारों परिवारों ने हटवाया अपना नाम
जयपुर में हजारों परिवार इस अभियान के तहत अपने नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा चुके हैं। सरकार चाहती है कि अपात्र लोग अपनी मर्जी से से अपना नाम हटवाएं, ताकि सही लाभार्थियों तक योजना का फायदा पहुंच सके।
अपात्र राशन कार्डधारकों पर कार्रवाई क्यों जरूरी?
अवैध रूप से राशन कार्ड रखने वालों की वजह से गरीब और जरूरतमंद लोग इस योजना से वंचित रह जाते हैं। राज्य सरकार का यह अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है कि सही व्यक्ति को ही योजना का लाभ मिले। यदि अपात्र लोग अपनी मर्जी से से अपना नाम नहीं हटाते, तो उन्हें कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है।