मुफ्त राशन लेने वाले इन परिवारों पर हुई कार्रवाई, सरकार ने बीपीएल लिस्ट से किया बाहर Free Ration

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Free Ration: हरियाणा में नए साल की शुरुआत के साथ ही 23,000 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को राशन योजना से बाहर कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब इन परिवारों को केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाला मुफ्त राशन नहीं मिलेगा। इस बदलाव से हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं, खासकर हिसार जिले में, जहां सबसे ज्यादा 10,000 परिवार बीपीएल सूची से बाहर हुए हैं।

बीपीएल सूची में कौन-कौन से जिले हुए प्रभावित?

प्रदेश के 19 जिलों में बीपीएल परिवारों की संख्या में कमी आई है, जबकि करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में 2,632 नए परिवारों को बीपीएल सूची में जोड़ा गया है। अगर आंकड़ों की बात करें, तो 31 दिसंबर 2024 तक हरियाणा में 52.91 लाख बीपीएल परिवार थे, लेकिन 31 जनवरी 2025 तक यह संख्या घटकर 51.78 लाख रह गई।

बीपीएल परिवारों की पात्रता

हरियाणा में वे परिवार बीपीएल सूची में आते हैं, जिनकी सालाना आय 1,80,000 रुपये तक होती है। नागरिक संसाधन सूचना विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश की करीब 70% आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। ऐसे में सरकार द्वारा सूची में किया गया यह बड़ा बदलाव कई परिवारों को मुश्किल में डाल सकता है।

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बीपीएल परिवारों को मिल रही सुविधाएं

हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इन परिवारों को केंद्र सरकार द्वारा हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मुफ्त में दिया जाता है। इसके अलावा, राज्य सरकार निम्नलिखित सब्सिडी आधारित वस्तुएं उपलब्ध कराती है:

  • सरसों का तेल: ₹40 प्रति लीटर
  • चीनी: ₹13.5 प्रति किलो
  • रसोई गैस सिलेंडर (उज्ज्वला योजना के तहत): ₹500 में उपलब्ध
  • स्वास्थ्य योजना (चिरायु आयुष्मान योजना के तहत): ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज
  • आवास योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में 100 गज का प्लॉट बीपीएल परिवारों को दिया जाता है

बीते सालों में कैसे बढ़ी बीपीएल सूची?

जनवरी 2022 में हरियाणा में 27 लाख बीपीएल कार्ड धारक थे, जो जनवरी 2023 में बढ़कर 31.5 लाख हो गए। जुलाई 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच यह संख्या 4.84 लाख और बढ़ गई थी। इसका मतलब यह है कि बीते कुछ वर्षों में सरकार ने अधिक परिवारों को इस योजना का लाभ देने के लिए उन्हें सूची में शामिल किया, लेकिन अब एक बड़ा बदलाव कर कई परिवारों को बाहर कर दिया गया है।

बीपीएल सूची से बाहर होने का कारण क्या है?

सरकार द्वारा बीपीएल सूची से परिवारों को हटाने का मुख्य कारण उनकी आय सीमा का बढ़ना बताया जा रहा है। बीपीएल सूची में उन्हीं परिवारों को रखा जाता है, जिनकी वार्षिक आय 1,80,000 रुपये से कम होती है। अगर किसी परिवार की आय इस सीमा से ऊपर जाती है, तो उन्हें स्वतः ही इस योजना से बाहर कर दिया जाता है।

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हिसार जिले में सबसे ज्यादा असर

अगर किसी एक जिले की बात करें, तो हिसार में सबसे ज्यादा 10,000 परिवार गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं। इसका मतलब यह है कि इन परिवारों की सालाना आय तय सीमा से ऊपर चली गई है, जिससे इन्हें अब मुफ्त राशन और अन्य सरकारी लाभ नहीं मिलेंगे।

इन जिलों में बढ़ी बीपीएल सूची

जहां कई जिलों में बीपीएल परिवारों की संख्या घटी है, वहीं करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में 2,632 नए परिवारों को इस सूची में जोड़ा गया है। इन जिलों में आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नई प्रविष्टियां की हैं, जिससे गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

बीपीएल परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं

हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराती है। चिरायु आयुष्मान योजना के तहत इन परिवारों को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलता है। इस योजना का लाभ सरकारी और कई प्राइवेट अस्पतालों में भी लिया जा सकता है। यह योजना खासतौर पर गरीब परिवारों के लिए बनाई गई है, ताकि उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में किसी तरह की परेशानी न हो।

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गरीबों के लिए आवास योजना

हरियाणा सरकार बीपीएल परिवारों को 100 गज के प्लॉट भी मुहैया कराती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को घर देने का है, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है। यह योजना खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की जा रही है, जिससे गरीब परिवारों को स्थायी निवास मिल सके।

क्या प्रभावित परिवारों के पास कोई ऑप्शन है?

जिन 23,000 परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया गया है, उनके पास यह ऑप्शन है कि वे अपनी आय संबंधी जानकारी को फिर से सरकार के पास वेरफाइ कराएं। यदि उनकी आय सीमा तय मानकों के तहत आती है, तो वे फिर से बीपीएल सूची में शामिल किए जा सकते हैं।

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