Free Ration Scheme: भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत जरूरतमंदों को मुफ्त राशन दिया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। लेकिन अब इस योजना में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार ने फैसला किया है कि अपात्र लाभार्थियों को इस योजना से हटाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए खाद्य मंत्रालय के साथ आंकड़े साझा करेगा, ताकि अपात्र लोगों को सूची से बाहर किया जा सके।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नई पहल
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में इस योजना के तहत अपात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए सख्त प्रक्रिया की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत आधार और पैन नंबर का मिलान किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभार्थी इनकम टैक्स दाता हैं या नहीं। अगर किसी लाभार्थी का आधार नंबर इनकम टैक्स डेटाबेस से जुड़ा हुआ पाया जाता है, तो उसे इस योजना से हटा दिया जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के बीच डेटा शेयर किया जाएगा।
अपात्र लाभार्थियों की पहचान कैसे होगी?
सरकार की इस पहल के तहत अपात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एक डिजिटल प्रणाली लागू की जाएगी। इसमें ये प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी:
- आधार और पैन नंबर का मैच – सभी लाभार्थियों के आधार और पैन नंबर को सरकारी डेटाबेस से जोड़ा जाएगा।
- इनकम टैक्स रिटर्न की जांच – अगर कोई लाभार्थी इनकम टैक्स रिटर्न भरता है, तो उसे इस योजना से अपात्र माना जाएगा।
- राज्य सरकारों के सहयोग से सत्यापन – राज्य सरकारें लोकल लेवल पर लाभार्थियों के डेटा की जांच करेंगी।
- बैंक खातों की निगरानी – अगर किसी व्यक्ति का बैंक खाता अधिकतम आय सीमा से ज्यादा की प्रॉपर्टी दर्शाता है, तो वह भी अपात्र हो सकता है।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
इस कदम का मुख्य उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को सरकारी सहायता का सही लाभ प्रदान करना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी ताकि गरीब और श्रमिक वर्ग को खाद्यान्न की परेशानी से राहत मिल सके। लेकिन कई ऐसे लोग भी इस योजना का फायदा उठा रहे थे जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं। सरकार अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि योजना का लाभ उन्हीं को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
आंकड़े शेयर करने की प्रक्रिया
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के माध्यम से एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि लाभार्थियों के आधार और पैन नंबर का मिलान किया जाएगा और अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स दाता निकला, तो उसे इस योजना से हटा दिया जाएगा। इसके लिए:
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और खाद्य मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) किया जाएगा।
- डेटा की सुरक्षा और प्राइवसी को ध्यान में रखते हुए सही तरीके से साझा किया जाएगा।
- राज्य सरकारों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा ताकि वे लोकल पर वेरीफिकेशन कर सकें।
अपात्र पाए जाने पर क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति इस योजना के तहत अपात्र पाया जाता है, तो:
- मुफ्त राशन बंद कर दिया जाएगा – उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा और सरकारी गोदाम से राशन मिलना बंद हो जाएगा।
- वित्तीय दंड लगाया जा सकता है – अगर कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजना का लाभ ले रहा था, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
- कानूनी कार्रवाई संभव – कुछ मामलों में कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है, खासकर अगर धोखाधड़ी की पुष्टि होती है।
इस फैसले का समाज पर असर
इस फैसले का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। इससे:
- जरूरतमंदों तक योजना का वास्तविक लाभ पहुंचेगा।
- सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- अपात्र लाभार्थियों को बाहर करने से सरकारी संसाधनों की बचत होगी।
- सरकारी योजनाओं में धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी।