Public Holiday: दिल्ली सरकार ने 12 फरवरी 2025 को गुरु रविदास जयंती के अवसर पर सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस दिन को पहले से निर्धारित ‘रिस्ट्रिक्टेड हॉलीडे’ से बदलकर ‘पब्लिक हॉलीडे’ घोषित कर दिया है. इस फैसले के तहत दिल्ली सरकार के सभी कार्यालय, स्वायत्त संस्थान और सार्वजनिक उपक्रमों में अवकाश रहेगा.
आदेश में क्या कहा गया?
दिल्ली सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 12 फरवरी 2025 को सभी सरकारी दफ्तरों में अवकाश रहेगा. इसके साथ ही स्वतंत्र निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों के कार्यालय भी बंद रहेंगे. इस आदेश के जारी होने के बाद गुरु रविदास जयंती के अवसर पर दिल्ली में खास तैयारियां की जा रही हैं.
कौन थे गुरु रविदास?
गुरु रविदास 15वीं शताब्दी के महान संत कवि और समाज सुधारक थे. उन्होंने सामाजिक भेदभाव, जातिवाद और असमानता के खिलाफ आवाज उठाई. उनके दोहे और शिक्षाएं आज भी समाज को प्रेरित करती हैं. उन्होंने सभी के लिए समानता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था और उनके अनुयायी आज भी पूरे भारत में फैले हुए हैं.
गुरु रविदास जयंती का महत्व
गुरु रविदास जयंती हर साल माघ पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस दिन उनके अनुयायी भव्य शोभायात्रा निकालते हैं और उनके उपदेशों का पाठ करते हैं. दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित कई राज्यों में इस दिन बड़े पैमाने पर आयोजन किए जाते हैं. दिल्ली के कई इलाकों में इस मौके पर भव्य सत्संग और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है.
दिल्ली में गुरु रविदास जयंती की भव्यता
दिल्ली में गुरु रविदास जयंती का उत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. लाखों अनुयायी इस दिन मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं. विभिन्न स्थानों पर भंडारे आयोजित किए जाते हैं और धार्मिक सभाएं होती हैं.
राजनीतिक नजरिया
दिल्ली सरकार द्वारा गुरु रविदास जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के फैसले को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है. हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिलीं. कांग्रेस इस बार भी कोई सीट नहीं जीत पाई.
चुनावी रणनीति का हिस्सा?
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला आगामी लोकसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. दिल्ली और उत्तर भारत में दलित वोट बैंक को साधने के लिए यह निर्णय अहम माना जा रहा है. गुरु रविदास का अनुसरण करने वाले समुदाय की संख्या काफी अधिक है और राजनीतिक दल उनके समर्थन को महत्वपूर्ण मानते हैं.
विपक्ष की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने भी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह फैसला देर से लिया गया और इसे पहले ही घोषित किया जाना चाहिए था. वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है कि गुरु रविदास जी के सम्मान में यह निर्णय पूरी तरह से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से लिया गया है न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए.