Bank Account Fraud: हाल ही में साइबर अपराधियों ने अपनी ठगी की रणनीति में ‘कॉल मर्जिंग’ या कॉल कॉन्फ्रेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यह तकनीक खासकर तब इस्तेमाल की जाती है जब अपराधी भरोसा जताने के लिए कॉल को बैंक या किसी अन्य आधिकारिक संस्था के साथ जोड़ने का दावा करते हैं। इस प्रक्रिया में ठग अनजाने में आपकी ओटीपी और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर लेते हैं।
एनपीसीआई द्वारा जारी की गई एडवाइजरी
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने इस प्रकार की ठगी के खिलाफ एक विशेष एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने लोगों को ऐसी स्थितियों में सतर्क रहने और अगर उन्हें लगे कि कॉल को बिना उनकी अनुमति के कॉन्फ्रेंस में बदल दिया गया है, तो तुरंत कॉल को डिस्कनेक्ट कर देने की सलाह दी गई है।
ट्रिपल आईटी के विशेषज्ञ की राय
ट्रिपल आईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. धीरज कुमार सिन्हा ने इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि ठग अक्सर यह दावा करते हैं कि वे बैंक से बोल रहे हैं और ओटीपी सत्यापन के लिए आपके मोबाइल पर कॉल आ रही है। इस प्रक्रिया में, वे अपने साथियों के साथ मिलकर आपकी निजी जानकारी चुरा लेते हैं।
सावधानी है जरूरी
यदि आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आती है और कॉलर आपको कॉन्फ्रेंस में डालने की बात कहता है, तो बेहद सतर्क रहें। ऐसे में कॉल तुरंत काट दें और किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। इसके अलावा, इस तरह की घटना की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।
सिटी डीएसपी की सलाह
सिटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी ने भी लोगों को इस प्रकार के साइबर अपराधों से सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कॉल मर्जिंग के जरिए ठगी का प्रयास साइबर अपराधी कर सकते हैं, इसलिए किसी भी अनजान कॉल पर पूरी तरह से विश्वास करने से पहले सावधानी बरतें और सचेत रहें।