लगातार 2 दिन की हड़ताल पर रहेंगे बैंक कर्मचारी, टाइम रहते ही निपटा ले बैंक से जुड़े काम Bank Employees Strike

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Bank Employees Strike: बैंक यूनियनों ने 24 और 25 मार्च 2025 को दो दिन की नैशनल लेवल पर हड़ताल की घोषणा की है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू), जो नौ बैंक कर्मचारी संघों का संयुक्त संगठन है, ने यह कदम उठाया है। उनकी मुख्य मांगों में पांच दिन का कार्य सप्ताह और सभी विभागों में पर्याप्त भर्ती शामिल हैं।

हड़ताल का उद्देश्य और कारण

यूएफबीयू का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारी और अधिकारी निदेशकों के पद खाली हैं, जिससे काम का बोझ बढ़ रहा है। इन पदों को भरने से कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा और बैंकिंग सेवाओं की कवालिटी में सुधार होगा।

यह भी पढ़े:
10 Incredibly Valuable Coins The Top 10 Rarest and Most Valuable Coins in the World, Hidden Gems of Numismatic History

प्रदर्शन की शुरुआत

हड़ताल से पहले, यूएफबीयू ने 14 फरवरी से देशभर के जिला मुख्यालयों में शाम को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इसके बाद, 3 मार्च को संसद भवन के सामने धरना दिया जाएगा, जहां वित्त मंत्री और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

डीएफएस के निर्देशों पर आपत्ति

यह भी पढ़े:
aaj 22 march 2025 ko sona chandi ka taja bhav ईद से पहले सोने की कीमतों में गिरावट, जाने 24 कैरेट सोने का ताजा भाव Gold Silver Price Today

यूएफबीयू ने डीएफएस के हालिया निर्देशों पर आपत्ति जताई है, जो प्रदर्शन जांच और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहनों से संबंधित हैं। यूनियनों का मानना है कि ये निर्देश नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और कर्मचारियों के बीच विभाजन पैदा करते हैं।

ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाने की मांग

बैंक कर्मचारी संघों की एक अन्य महत्वपूर्ण मांग ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये करना है। वे चाहते हैं कि ग्रेच्युटी अधिनियम में बदलाव कर इसे सरकारी कर्मचारियों की योजना के अनुरूप बनाया जाए और इसे इनकम टैक्स से मुक्त किया जाए।

यह भी पढ़े:
अप्रैल महीने में रहेगी छुट्टियों की भरमार, इतने दिन स्कूल,कॉलेज और दफ्तर रहेंगे बदन Public Holiday

बोर्ड की औटोनोमी पर चिंता

यूएफबीयू ने आरोप लगाया है कि डीएफएस द्वारा नीतिगत मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माइक्रो मैनेजमेंट से बोर्ड की औटोनोमी कमजोर हो रही है। यूनियनों का कहना है कि इस हस्तक्षेप से बैंकों की स्वतंत्र फैसला लेने की क्षमता प्रभावित हो रही है।

पेंडिंग मुद्दों का समाधान

यह भी पढ़े:
Dearness Allowance सरकारी कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, बैंक खाते में आएगा 6800 का बोनस Dearness Allowance

यूएफबीयू ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ पेंडिंग मुद्दों के समाधान की भी मांग की है। उनका कहना है कि इन मुद्दों के निपटारे से बैंक कर्मचारियों की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और वे बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।

यूएफबीयू के सदस्य संगठन

यूएफबीयू में कई प्रमुख बैंक कर्मचारी संघ शामिल हैं, जैसे अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (एनसीबीई), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (बीईएफआई)।

यह भी पढ़े:
aaj 21 march 2025 ko sona chandi ka taja bhav 21 मार्च को सोने की कीमतो में गिरावट, जाने आज का ताजा भाव Gold-Silver Price Today

हड़ताल का असर

इस हड़ताल का देशभर के बैंकिंग कार्यों पर काफी असर पड़ सकता है। ग्राहकों को लेनदेन, चेक क्लियरेंस और अन्य बैंकिंग सेवाओं में देरी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने महत्वपूर्ण बैंकिंग कार्य हड़ताल से पहले निपटा लें।

सरकार और बैंक मैनेजमेंट का रिएक्शन

यह भी पढ़े:
जल्द ही UPI से लेनदेन पर मिलेगा इनाम, सरकार की तरफ़ से मिली मंजूरी UPI Transaction Reward

अब देखना होगा कि सरकार और बैंक प्रबंधन यूनियनों की इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। यदि समय रहते समाधान नहीं निकला, तो हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं में बाधा आ सकती है, जिसका असर आम जनता पर भी पड़ेगा।

समाधान के प्रयास

हड़ताल की घोषणा के बाद, उम्मीद की जा रही है कि सरकार, बैंक प्रबंधन और यूनियनों के बीच वार्ता होगी। सभी पक्षों के बीच संवाद से ही एक संतुलित समाधान निकल सकता है, जिससे कर्मचारियों की मांगें पूरी हों और बैंकिंग सेवाएं भी सुचारू रूप से चलती रहें।

यह भी पढ़े:
गर्मियों में जमकर चलाए AC तो भी कम आएगा बिल, इस ट्रिक से बिजली बिल में होगी 30 प्रतिशत तक बचत Save Electricity Bill