Haryana News: हरियाणा में लगातार बढ़ते अपराध और युवाओं में हिंसक प्रवृत्ति को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। सरकार ने अब उन हरियाणवी गानों पर रोक लगाने का फैसला किया है, जो बदमाशी और अपराध को बढ़ावा देते हैं। यह फैसला राज्य में बिगड़ते माहौल को सुधारने और युवाओं को सही दिशा में ले जाने की कोशिशों का हिस्सा है।
राज्य सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर आए दिन ऐसे गाने वायरल हो रहे हैं, जिनमें बदमाशी, झगड़े और हथियारों का दिखावा किया जाता है। ये गाने न सिर्फ युवाओं को गुमराह कर रहे हैं बल्कि अपराध की मानसिकता को भी बढ़ावा दे रहे हैं। सरकार ने इस पर तुरंत रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
सोशल मीडिया पर फैल रही है बदमाशी
हरियाणा में हाल के कुछ सालों में हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री ने जबरदस्त उछाल देखा है। लाखों युवा हर दिन यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हरियाणवी गाने सुनते और देखते हैं। लेकिन इन गानों में तेजी से एक नया ट्रेंड देखने को मिला है – जिसमें बदमाशों की तरह कपड़े पहनना, हथियार दिखाना और अपराधी जैसे डायलॉग्स या बोल बोलना आम हो गया है।
सरकार का कहना है कि इस तरह के कंटेंट से समाज में गलत संदेश जा रहा है और अपराध की मानसिकता बढ़ रही है। यही वजह है कि अब उन गानों को रोकने की तैयारी हो रही है, जिनमें हथियारों, बदमाशी, झगड़ों और मारपीट जैसी बातों को ग्लोरिफाई किया जाता है।
गानों में दिख रही हरियाणवी ट्रेडिसन की गलत तस्वीर
हरियाणा की पहचान जहां एक ओर खेती-बाड़ी, खेलकूद और भाईचारे के लिए जानी जाती है, वहीं दूसरी ओर आजकल कुछ गाने हरियाणवी संस्कृति की गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं।
अमित दहिया, जो इस मामले में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में सामने आए हैं, उन्होंने बताया कि आजकल कुछ लोग हरियाणवी संस्कृति के नाम पर ऐसे गाने बना रहे हैं जो समाज में हिंसा और डर का माहौल बना रहे हैं। ऐसे गानों में कलाकार खुद को ‘गैंगस्टर’ या ‘बदमाश’ की तरह पेश कर रहे हैं और यह नई पीढ़ी को गलत दिशा में ले जा रहा है।
नोटिस भेजने की कार्रवाई शुरू
सरकार ने इस दिशा में काम करते हुए उन गायक और म्यूजिक डायरेक्टर्स को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो इस तरह के गानों में शामिल हैं। सरकार की योजना के तहत पहले इन सभी को चेतावनी दी जाएगी और रीक्वेस्ट किया जाएगा कि वे ऐसे गाने बनाना बंद करें।
अगर फिर भी कोई इस चेतावनी को नजरअंदाज करता है और आगे भी ऐसे भड़काऊ गाने बनाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है।
Masoom Sharma ने दिया बयान
हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के प्रसिद्ध गायक मासूम शर्मा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव आकर कहा कि वह सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं। मासूम शर्मा ने कहा, “मैं इस फैसले के पक्ष में हूं, लेकिन सरकार को चाहिए कि वह यह कार्रवाई सभी पर बराबरी से करे।”
उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ एक-दो सिंगर्स को टारगेट करना ठीक नहीं है। अगर सरकार सच में सफाई चाहती है तो सभी गानों की जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में कई गाने ऐसे भी हैं जो महिलाओं, भाभियों और बेटियों को भी गलत तरीके से दिखाते हैं। सरकार को उन पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।
सरकार पर उठे सवाल
मासूम शर्मा का बयान सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कई लोगों का कहना है कि अगर सरकार सच में सुधार चाहती है तो उसे हर उस गाने पर रोक लगानी चाहिए जो समाज में नकारात्मकता फैला रहे हैं।
कुछ यूजर्स का कहना है कि आजकल हरियाणा में सिर्फ बदमाशी या हथियार वाले गाने ही नहीं बल्कि ऐसे गाने भी बन रहे हैं जो महिलाओं की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकार इन गानों पर भी उतनी ही सख्ती से कार्रवाई करेगी?
म्यूजिक इंडस्ट्री पर पड़ेगा असर?
हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री में इस फैसले के बाद हलचल मच गई है। म्यूजिक डायरेक्टर्स और सिंगर्स के बीच इस फैसले को लेकर चिंता भी देखी जा रही है। कई छोटे-बड़े कलाकार सोच में पड़ गए हैं कि अब किस तरह का कंटेंट बनाना सही रहेगा।
वहीं, म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों का कहना है कि इस फैसले से इंडस्ट्री में एक पॉजिटिव बदलाव आएगा। कई लोग यह भी मान रहे हैं कि इससे गानों की क्वालिटी और कंटेंट बेहतर होगा और हरियाणवी संस्कृति की सही छवि सामने आएगी।
आने वाले समय में क्या हो सकती है कार्रवाई?
सरकार ने अभी सिर्फ चेतावनी देने और नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन आने वाले समय में अगर स्थिति नहीं सुधरी तो राज्य सरकार ऐसे गानों को बैन करने के साथ-साथ गाने बनाने वाले कलाकारों और प्रोड्यूसर्स पर कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है।
साथ ही, यह भी पॉसिबल है कि सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से बात कर ऐसे गानों को प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग करे। इसके अलावा, हरियाणा सरकार स्कूलों और कॉलेजों में भी जागरूकता अभियान चला सकती है ताकि युवा वर्ग को समझाया जा सके कि वे इस तरह के गानों से दूरी बनाएं।