Government Employee: सिविल सर्जन कार्यालय पर पंजाबी कहावत ‘दीवे थल्ले हनेरा’ पूरी तरह सटीक बैठती है. यह कार्यालय जो स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर ड्यूटी पर रहने और अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने के निर्देश देता है, खुद ही इन नियमों का पालन नहीं कर रहा है. सिविल सर्जन कार्यालय के कई कर्मचारी और अधिकारी ड्यूटी के दौरान निजी कार्यों में व्यस्त रहते हैं.
ड्यूटी समय के दौरान निजी काम की आदत
सिविल सर्जन कार्यालय में कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ड्यूटी का पालन करना एक बड़ी चुनौती बन चुका है. जानकारी के अनुसार कई कर्मचारी हाजिरी लगाने के बाद अपनी सीट छोड़कर निजी कामों में लग जाते हैं. कुछ कर्मचारी तो ड्यूटी समय में अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने और लेने चले जाते हैं. जबकि अन्य शादी या अन्य पारिवारिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं.
बायोमैट्रिक हाजिरी मशीनों की कमी से बढ़ी लापरवाही
पहले सिविल सर्जन कार्यालय में बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था थी, जिससे कर्मचारियों को ड्यूटी के समय कार्यालय में मौजूद रहना पड़ता था. लेकिन अब बायोमैट्रिक मशीनें न होने के कारण कर्मचारी अपनी मनमर्जी करने लगे हैं. कई कर्मचारी ड्यूटी पर आने के बजाय शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. यह स्थिति न केवल अनुशासनहीनता को दर्शाती है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर करती है.
समय पर चेकिंग के बावजूद समस्या बरकरार
सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने सरकार के निर्देशों के तहत समय-समय पर कार्यालयों और अस्पतालों की जांच की है. इस दौरान जो भी कर्मचारी गैर-हाजिर या देर से आते पाए गए. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. लेकिन इसके बावजूद सिविल सर्जन कार्यालय में कर्मचारियों की लापरवाही और निजी कामों में व्यस्त रहने की आदत खत्म नहीं हो रही है.
नियम सबके लिए समान होने चाहिए
सवाल यह उठता है कि अगर अन्य सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों में कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ड्यूटी पर रहने के सख्त नियम हैं, तो सिविल सर्जन कार्यालय में ऐसा क्यों नहीं हो रहा? ड्यूटी का नियम सभी के लिए समान होना चाहिए. अनुशासनहीनता न केवल कार्यकुशलता को प्रभावित करती है, बल्कि कार्यालय की छवि को भी खराब करती है.
स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और सवाल
स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ड्यूटी का पालन हर स्तर पर हो. जब सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारी ही नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो अन्य सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों और अधिकारियों से क्या उम्मीद की जा सकती है? यह विभाग की साख पर भी सवाल उठाता है.
ड्यूटी पर लापरवाही के कारण
ड्यूटी के दौरान लापरवाही के कई कारण हो सकते हैं:
- निगरानी की कमी: समय पर चेकिंग न होने से कर्मचारियों को लापरवाही करने का मौका मिलता है.
- दंड का अभाव: अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई न होने से समस्या बढ़ती है.
- बायोमैट्रिक सिस्टम की अनुपस्थिति: बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था न होने से कर्मचारियों को नियंत्रण में रखना मुश्किल हो जाता है.
सिविल सर्जन का बयान
सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने स्पष्ट किया है कि ड्यूटी का नियम सभी के लिए समान है. उन्होंने कहा कि गैर-हाजिर या समय पर ड्यूटी न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि समय-समय पर चेकिंग की जाती है ताकि अनुशासनहीनता को रोका जा सके.