PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PM Awas Yojana Gramin) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों को पक्का घर उपलब्ध कराना है। सरकार इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी और इसके तहत लाखों लोगों को अपने खुद के मकान बनाने का मौका मिला है।
बिहार में सामने आया योजना का दुरुपयोग
हाल ही में बिहार सरकार ने इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के बाद भी मकान न बनाने वाले 1.5 लाख से अधिक लाभार्थियों को नोटिस जारी किया है। सरकार का कहना है कि इन लाभार्थियों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी, लेकिन उन्होंने इस राशि का उपयोग मकान निर्माण में नहीं किया। इस मामले में सरकार अब सख्त कार्रवाई करने जा रही है।
19,495 लाभार्थियों के खिलाफ दर्ज हुए मामले
बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा में जानकारी दी कि सरकार ने योजना के तहत अनियमितताओं को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि 19,495 लाभार्थियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं क्योंकि वे कई महीनों से अपने मकानों का निर्माण नहीं करवा रहे थे, जबकि उन्हें पूरी राशि जारी कर दी गई थी।
लाभार्थियों को मिला ‘व्हाइट’ और ‘रेड’ नोटिस
सरकार ने इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के नोटिस जारी किए हैं ताकि लाभार्थियों को समय पर मकान बनाने के लिए मोटीवैट किया जा सके।
- व्हाइट नोटिस: 82,441 लाभार्थियों को यह नोटिस भेजा गया है। इसका उद्देश्य उन्हें समय पर घर बनाने के लिए सचेत करना और विभागीय कार्रवाई से बचने का मौका देना है।
- रेड नोटिस: 67,733 लाभार्थियों को रेड नोटिस दिया गया है। यह उन लाभार्थियों के लिए जारी किया गया है, जिन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद मकान निर्माण पूरा नहीं किया। इन लाभार्थियों के खिलाफ जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सर्टिफिकेट केस दायर कर होगी वसूली
ग्रामीण विकास मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे लाभार्थियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। जिन लोगों को रेड नोटिस मिला है, उनके खिलाफ सर्टिफिकेट केस दायर किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत सरकार आर्थिक सहायता की वसूली करेगी और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है।
योजना के तहत वित्तीय सहायता कैसे दी जाती है?
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सरकार लाभार्थियों को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देती है। इस योजना के तहत कुल राशि का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देती है। यह राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है ताकि वे पारदर्शी तरीके से घर का निर्माण कर सकें।
मकान निर्माण की शर्तें और अनुदान की प्रक्रिया
सरकार इस योजना के तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए चार चरणों में राशि प्रदान करती है। प्रत्येक चरण में लाभार्थी को एक निर्धारित शर्त पूरी करनी होती है। यदि कोई लाभार्थी निर्धारित समय में मकान का निर्माण नहीं करता है, तो उसे दी गई सहायता राशि वापस करनी पड़ सकती है।
सरकार की सख्ती क्यों जरूरी है?
यह देखा गया है कि कुछ लोग इस योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे सरकार से वित्तीय सहायता तो ले लेते हैं, लेकिन मकान नहीं बनाते या इस धनराशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर लेते हैं। इससे जरूरतमंद लोगों को लाभ नहीं मिल पाता और सरकार के संसाधनों का भी नुकसान होता है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए सरकार अब सख्त हो रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को पक्का घर मिलना सुनिश्चित होता है।
- योजना के तहत घर बनाने के लिए पूरी राशि सीधे बैंक खाते में दी जाती है।
- पारदर्शी प्रक्रिया के तहत मकान निर्माण को प्रोत्साहित किया जाता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने की गुणवत्ता में सुधार होता है।
क्या लाभार्थियों को दिया जाएगा एक और मौका?
हालांकि सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन अभी भी उन लाभार्थियों को मौका दिया जा रहा है जिन्होंने मकान निर्माण में देरी की है। जिन लोगों को व्हाइट नोटिस दिया गया है, वे जल्द से जल्द अपने मकान का निर्माण कर सकते हैं और विभागीय कार्रवाई से बच सकते हैं।