20 साल पुरानी गाड़ी रखने वालों के लिए बड़ी खबर, ये काम नही किया तो जेब पर भारी पड़ेगा खर्चा Old Vehicles

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Old Vehicles: अगर आपके पास 20 साल पुराना वाहन है, तो यह खबर आपके लिए खास है. सरकार ने पुराने वाहनों पर नियंत्रण लगाने के लिए नया ड्राफ्ट तैयार किया है. इसके तहत पुराने वाहनों के दोबारा रजिस्ट्रेशन पर ज्यादा शुल्क लगेगा. सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसका ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है. जिससे वाहन मालिकों को नए नियमों की जानकारी मिल सके.

20 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन महंगा

मंत्रालय की योजना के मुताबिक, अगर आपके पास 20 साल पुराना दोपहिया वाहन है, तो आपको उसका रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल कराने के लिए 2000 रुपये खर्च करने होंगे. वहीं, 20 साल पुरानी कार के लिए यह शुल्क 10,000 रुपये होगा. तिपहिया वाहनों के लिए भी यह राशि 5000 रुपये रखी गई है. इससे पुराने वाहनों के मालिकों को अतिरिक्त वित्तीय भार उठाना पड़ेगा.

कमर्शियल वाहनों पर भी बढ़ेगा खर्च

सरकार ने पुराने कमर्शियल वाहनों को नियंत्रित करने के लिए भी विशेष प्रावधान किए हैं. 15 साल पुराने मीडियम और भारी कमर्शियल वाहनों की संख्या कम करने पर ध्यान दिया गया है. यदि आपका मीडियम कमर्शियल वाहन 15 साल पुराना है, तो आपको इसके रजिस्ट्रेशन के लिए 12,000 रुपये देने होंगे. जबकि भारी वाहन के लिए यह राशि 18,000 रुपये होगी. 20 साल पुराने कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल कराने के लिए दोगुना शुल्क देना होगा. यानी मीडियम कमर्शियल वाहन के लिए 25,000 रुपये और भारी वाहन के लिए 36,000 रुपये चुकाने होंगे.

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पूरे देश में लागू होगा नियम, दिल्ली को छूट

यह मसौदा पूरे देश में लागू होगा, लेकिन दिल्ली-एनसीआर को इससे अलग रखा गया है. दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में पहले से ही पुराने वाहनों पर पाबंदी है. कोर्ट के आदेश के अनुसार यहां 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इसलिए इस नए नियम का असर दिल्ली-एनसीआर पर नहीं पड़ेगा.

वाहनों की फिटनेस पर भी बढ़ेगा शुल्क

पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट कराने का शुल्क भी बढ़ाया जा सकता है. नए प्रस्ताव के तहत 8 से 15 साल पुराने दोपहिया वाहनों के लिए 1000 रुपये और 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों के लिए 2000 रुपये देने होंगे. तिपहिया और भारी वाहनों की फिटनेस टेस्ट फीस 7000 से 25,000 रुपये तक हो सकती है.

नए नियमों का उद्देश्य

सरकार के इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम करना है. इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और सड़कों पर वाहनों की सुरक्षा भी बढ़ेगी. इसके अलावा, इन नियमों से पुराने वाहनों के मालिकों को अपनी गाड़ियां स्क्रैप कराने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. जिससे नई और सुरक्षित तकनीक वाली गाड़ियों की बिक्री भी बढ़ेगी.

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वाहन मालिकों को क्या करना चाहिए?

अगर आपके पास 15 से 20 साल पुराना वाहन है, तो आपको नए नियमों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन और फिटनेस टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए. इससे आपको भविष्य में होने वाले अतिरिक्त खर्चों से बचने में मदद मिलेगी. साथ ही अगर आप नया वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इलेक्ट्रिक या कम प्रदूषण वाले वाहनों पर विचार कर सकते हैं. जिससे आपको भविष्य में अधिक लाभ मिलेगा.