IMD Weather Alert: मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। इस विक्षोभ के कारण 16 और 17 फरवरी को राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में मौसम साफ बना हुआ था, लेकिन अब उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में हल्की बारिश हो सकती है।
गर्मी ने शुरू किया असर दिखाना
उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में अब गर्मी का अहसास होने लगा है। हालांकि, सुबह और शाम को अब भी ठंड बनी हुई है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी दोपहर के समय तेज धूप महसूस की जा रही है, जिससे वहां भी हल्की गर्मी का अहसास हो रहा है। सुबह-सुबह खेतों में हल्का पाला गिरने की खबरें भी सामने आ रही हैं। स्थानीय लोग दिन के समय गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे हैं।
ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के आसार
आईएमडी के अनुसार, 3200 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। इस साल उत्तराखंड में कम बर्फबारी दर्ज की गई है, जिससे मौसम वैज्ञानिक चिंतित हैं। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल ग्लोबल वॉर्मिंग का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पश्चिमी विक्षोभ से ठंड बढ़ने की संभावना
पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश और बर्फबारी से राज्य में ठंड बढ़ने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस साल सर्दियों में अपेक्षाकृत कम वर्षा हुई है, जिससे गर्मियों में पानी की किल्लत हो सकती है।
ग्लोबल वॉर्मिंग का असर
उत्तराखंड में इस साल सर्दियों में बहुत कम बर्फबारी हुई है, जिससे गर्मियों में जल संकट की संभावना बढ़ गई है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्लोबल वॉर्मिंग का प्रभाव हो सकता है। कम बारिश और बर्फबारी का असर नदियों के जलस्तर पर भी पड़ सकता है, जिससे आने वाले समय में किसानों और आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्तराखंड में मौसम चक्र बदल रहा है। कम बारिश और बर्फबारी से कृषि और पर्यटन पर भी असर पड़ सकता है। इसके अलावा, ग्लेशियरों के जल्दी पिघलने का भी खतरा बना हुआ है।
मौसम में बदलाव का असर
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को भी सतर्क कर दिया गया है। कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।