CM Child Ashirwad Scheme: मध्यप्रदेश सरकार ने ‘लाड़ली बहना योजना’ की तर्ज पर अनाथ बच्चों के लिए एक अनोखी पहल की है. ‘मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना’ के तहत नाबालिग अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण में मदद करना है. जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है और अब अपने रिश्तेदारों या शिक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं.
योजना का उद्देश्य और पात्रता
इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें बेहतर भविष्य प्रदान करना है. पात्रता के लिए निम्नलिखित शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- बच्चे को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए.
- 18 वर्ष से कम आयु के वे अनाथ बच्चे, जो अपने रिश्तेदारों या शिक्षकों के साथ रह रहे हैं.
- जिन्हें ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना 2021’ का लाभ नहीं मिला है.
हर महीने मिलेंगे 4,000 रुपये
योजना के तहत बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को प्रतिमाह 4,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. यह सहायता शुरू में एक वर्ष तक दी जाएगी और इसे बच्चे की 18 वर्ष की आयु तक बढ़ाया जा सकता है.
बच्चों के सर्वेक्षण और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया
महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों, वार्डों और विद्यालयों को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों का सर्वेक्षण करें जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. सर्वेक्षण के बाद इन बच्चों का प्रमाणीकरण किया जाएगा. ताकि उन्हें इस योजना का लाभ मिल सके.
योजना का प्रभाव
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अनाथ बच्चों को उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता मिलेगी. यह न केवल उनकी पढ़ाई में मदद करेगा. बल्कि उनके समग्र विकास को भी बढ़ावा देगा.
बाल कल्याण समिति की भूमिका
इस योजना के क्रियान्वयन में बाल कल्याण समिति की अहम भूमिका होगी. समिति यह सुनिश्चित करेगी कि सहायता राशि सही समय पर बच्चों तक पहुंचे और इसका सही उपयोग हो.
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी
महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं. विभाग का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी पात्र बच्चे को योजना से वंचित न किया जाए.
मध्यप्रदेश सरकार की संवेदनशीलता
यह योजना मध्यप्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना को लागू करके यह संदेश दिया है कि अनाथ बच्चों को समाज के मुख्यधारा में लाना सरकार की प्राथमिकता है.
अन्य योजनाओं से तुलना
‘मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना’ को ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना’ और ‘लाड़ली बहना योजना’ से भी प्रेरणा मिली है. ये योजनाएं समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही हैं.