WOMEN SARPANCH BRAND AMBASSADOR: हरियाणा सरकार ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को एक नई दिशा देने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि राज्य की महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा. यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण और बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा.
महिला सरपंचों की भूमिका
ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करेंगी
- महिला सरपंच गांव में बेटियों की शिक्षा और पोषण से जुड़े कार्यक्रमों को बढ़ावा देंगी.
- वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगी.
महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर
- इस पहल के माध्यम से गांव की महिलाएं अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति अधिक जागरूक होंगी.
10 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को विकसित करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री सैनी ने बैठक में बताया कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 10 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम केंद्रों के रूप में विकसित करना है.
खेल-आधारित शिक्षा और पोषण
- वर्तमान में 4 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को खेल-आधारित शिक्षा और पोषण केंद्रों में परिवर्तित किया जा चुका है.
- इन केंद्रों का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देना है.
स्टंटिंग मुक्त हरियाणा
- सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा स्टंटिंग मुक्त बनने वाला पहला राज्य बने.
- बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए बाजरा और अन्य पोषक तत्वों का उपयोग बढ़ाया जाएगा.
पोषण अभियान में 200 करोड़ का बजट
सरकार ने पोषण अभियान के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है.
दूध उपहार योजना
- बच्चों और महिलाओं को बेहतर पोषण प्रदान करने के लिए दूध उपहार योजना चलाई जा रही है.
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में पोषण स्तर को सुधारना है.
देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल होने का लक्ष्य
- हरियाणा सरकार का लक्ष्य पोषण अभियान में देश के शीर्ष तीन राज्यों में स्थान बनाना है.
सांस्कृतिक केंद्र बनेंगे महिला चौपाल
राज्य में मौजूदा 355 सांस्कृतिक केंद्रों को पुनर्जीवित कर महिला चौपाल के रूप में विकसित किया जाएगा.
महिलाओं के लिए संवाद का स्थान
- ये चौपालें महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंच प्रदान करेंगी.
ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा
- इन चौपालों के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगी.
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान: एक नज़र
प्रधानमंत्री मोदी की पहल
- यह अभियान 2015 में हरियाणा के पानीपत से शुरू किया गया था.
- इसका उद्देश्य बेटियों को बचाना और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करना है.
हरियाणा का योगदान
- हरियाणा इस अभियान में अग्रणी राज्य रहा है.
- सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से लिंगानुपात को सुधारने और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास किए गए हैं.
महिला सरपंचों के लिए नई जिम्मेदारी
गांव में जागरूकता फैलाना
- महिला सरपंचों को बेटियों की शिक्षा, पोषण, और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर गांव में जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी दी गई है.
युवाओं के लिए प्रेरणा
- वे गांव की युवतियों के लिए रोल मॉडल बनेंगी और उन्हें शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी.
सरकारी योजनाओं का प्रभाव
आंगनवाड़ी केंद्रों का विस्तार
- आंगनवाड़ी केंद्र न केवल बच्चों के लिए बल्कि महिलाओं के लिए भी शिक्षा और स्वास्थ्य का प्रमुख केंद्र बनेंगे.
दूध उपहार योजना और पोषण अभियान
- ये योजनाएं समाज के पिछड़े वर्गों तक पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मदद करेंगी.
हरियाणा सरकार की नॉन-स्टॉप कार्यशैली
मुख्यमंत्री सैनी ने इस बैठक में नॉन-स्टॉप सरकार के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा की.
- महिला और बाल विकास विभाग की पहल: महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है.
- शासन की पारदर्शिता: सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.