हरियाणा में इस नस्ल की गाय ने बनाया नया रिकॉर्ड, 24 घंटे में 87.7 लीटर दूध देकर बनाया अनोखा रिकॉर्ड Cow Unique Record

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Cow Unique Record: हरियाणा के करनाल जिले के झिंझाड़ी गांव के पशुपालक सुनील और शैंकी ने अपने मेहनत और पशुपालन के अनुभव से एशिया में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी होल्सटीन फ्रीजियन नस्ल की गाय ‘सोनी’ ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय मेले में 24 घंटे में 87 लीटर 740 ग्राम दूध देकर एशिया में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय का रिकॉर्ड बना दिया है। इस आयोजन में देशभर से सैकड़ों पशुपालक शामिल हुए थे, लेकिन सुनील और शैंकी की गाय ने सभी को पीछे छोड़ दिया।

पूरे देश के पशुपालकों को पछाड़कर ‘सोनी’ बनी नंबर 1

NDRI द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय मेले में देश के कोने-कोने से पशुपालक अपने बेहतरीन नस्ल के मवेशियों को लेकर पहुंचे थे। इस प्रतियोगिता में जहां एक तरफ कई अनुभवी पशुपालक अपनी गायों के साथ शामिल हुए, वहीं करनाल की ‘सोनी’ ने रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन करते हुए सबको हैरान कर दिया। 24 घंटे में लगभग 88 लीटर दूध देना एक बड़ी अचीवमेंट मानी जा रही है।

होल्सटीन फ्रीजियन नस्ल की गाय ने किया कमाल

पशुपालक सुनील ने बताया कि उनकी गाय ‘सोनी’ होल्सटीन फ्रीजियन नस्ल (Holstein Friesian Breed) की है। यह नस्ल दुनियाभर में अपने अधिक दूध उत्पादन के लिए जानी जाती है। लेकिन इतनी अधिक मात्रा में दूध देना इस नस्ल में भी असाधारण माना जाता है। सुनील ने बताया कि उन्होंने अपनी गाय की विशेष देखभाल की है और उसके खान-पान पर खास ध्यान दिया है। इसका ही नतीजा है कि उनकी गाय ‘सोनी’ एशिया में रिकॉर्ड बना पाई।

यह भी पढ़े:
10 Incredibly Valuable Coins The Top 10 Rarest and Most Valuable Coins in the World, Hidden Gems of Numismatic History

चार पीढ़ियों से जुड़ा है पशुपालन

सुनील और शैंकी का परिवार चार पीढ़ियों से पशुपालन से जुड़ा हुआ है। सुनील ने बताया कि उनके दादा और परदादा भी इस पेशे से जुड़े रहे हैं। पहले यह काम पारिवारिक स्तर पर किया जाता था, लेकिन साल 2014 में उन्होंने इसे बड़े स्तर पर शुरू किया और दो बड़े डेयरी फार्म की स्थापना की।

आज उनके फार्म में करीब 195 छोटे-बड़े पशु हैं। यह फार्म करनाल के डेयरी सेक्टर में एक मिसाल बन चुका है। उनके फार्म में गायों के साथ-साथ भैंसों की भी विशेष देखभाल की जाती है।

खास डाइट से आया दूध उत्पादन में उछाल

सुनील और शैंकी ने बताया कि गायों के दूध उत्पादन को बढ़ाने में डाइट का अहम रोल होता है। जो गाय इस बार रिकॉर्ड बना पाई है, उसे खास डाइट दी जाती है।

यह भी पढ़े:
aaj 22 march 2025 ko sona chandi ka taja bhav ईद से पहले सोने की कीमतों में गिरावट, जाने 24 कैरेट सोने का ताजा भाव Gold Silver Price Today

गाय को प्रतिदिन 24 किलो साइलेज (खास तरह का हरा चारा), डेढ़ किलो तूड़ी, 10 किलो हरा चारा और 20 किलो खास तैयार फीड दी जाती है। इसके अलावा पशुओं को समय-समय पर मिनरल मिक्सचर और अन्य पोषक तत्व भी दिए जाते हैं ताकि उनकी सेहत बनी रहे और दूध उत्पादन में कोई कमी न आए।

पशुओं को दी जाती है खुली जगह और बेहतर माहौल

शैंकी ने बताया कि उनके फार्म पर गायों और अन्य पशुओं को खुली जगह दी जाती है ताकि वे आराम से रह सकें। गर्मियों में पशुओं के लिए स्पेशल कूलिंग सिस्टम लगाया जाता है ताकि तेज गर्मी में भी उनका स्वास्थ्य ठीक रहे। फार्म पर पशुओं के लिए शेड में पंखे और स्प्रे सिस्टम भी लगाए गए हैं ताकि तापमान नियंत्रित रह सके।

शैंकी कहते हैं कि अगर पशुओं को सही वातावरण और अच्छा खान-पान दिया जाए तो वे बेहतर उत्पादन करते हैं। इसी सिद्धांत पर उन्होंने अपने फार्म को तैयार किया है।

यह भी पढ़े:
अप्रैल महीने में रहेगी छुट्टियों की भरमार, इतने दिन स्कूल,कॉलेज और दफ्तर रहेंगे बदन Public Holiday

नेस्ले को की जाती है दूध की आपूर्ति

सुनील और शैंकी के फार्म से हर दिन करीब 30 क्विंटल दूध का उत्पादन होता है। इस दूध में से एक बड़ी मात्रा नेस्ले (Nestle) जैसी बड़ी डेयरी कंपनी को सप्लाई की जाती है। बाकी दूध लोकल बाजार और आस-पास के उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है।

उन्होंने बताया कि बड़े स्तर पर दूध उत्पादन के चलते उनका फार्म अब एक भरोसेमंद सप्लायर बन चुका है और नेस्ले जैसी कंपनियों से उनका कान्ट्रैक्ट है। इससे उनकी आमदनी में भी अच्छी बढ़ोतरी हुई है।

NDRI ने की किसानों के प्रयासों की सराहना

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) के निदेशक धीर सिंह ने इस उपलब्धि पर सुनील और शैंकी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस मेले में देशभर के सैकड़ों पशुपालकों ने हिस्सा लिया, लेकिन करनाल के इस फार्म की गायों ने सबसे अधिक दूध देकर एशिया में कीर्तिमान बनाया। उन्होंने कहा कि इससे यह साबित होता है कि अगर पशुपालक वैज्ञानिक तरीकों से पशुपालन करें और सही डाइट व वातावरण दें तो वे बेहतरीन परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

यह भी पढ़े:
Dearness Allowance सरकारी कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, बैंक खाते में आएगा 6800 का बोनस Dearness Allowance

दूसरी गाय ने भी बनाया दूसरा स्थान

खास बात यह रही कि सुनील और शैंकी की एक और गाय ने इस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया। यानी कि टॉप दो स्थानों पर करनाल के इसी फार्म की गायें रही हैं। इससे साफ है कि फार्म में पशुओं की देखभाल और मैनेजमेंट का लेवल काफी ऊंचा है।

यह दोनों गायें होल्सटीन फ्रीजियन नस्ल की हैं और इनकी डाइट व स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया जाता है।

भारत में डेयरी फार्मिंग का सुनहरा भविष्य

NDRI निदेशक धीर सिंह ने कहा कि भारत में डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि किसानों को समूह बनाकर डेयरी फार्मिंग में आगे आना चाहिए। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि वे अपने गांव में ही रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकते हैं।

यह भी पढ़े:
aaj 21 march 2025 ko sona chandi ka taja bhav 21 मार्च को सोने की कीमतो में गिरावट, जाने आज का ताजा भाव Gold-Silver Price Today

उन्होंने कहा कि अगर किसान आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों से पशुपालन करें तो वे डेयरी क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। इसके लिए सरकार भी समय-समय पर योजनाएं और ट्रैनिंग प्रोग्राम चला रही है।

वैज्ञानिक पशुपालन से मिलेगी सफलता

NDRI और अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसान पारंपरिक तरीके से पशुपालन करने के बजाय वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों को अपनाएं तो दूध उत्पादन में कई गुना इजाफा किया जा सकता है।

जैसे-

यह भी पढ़े:
जल्द ही UPI से लेनदेन पर मिलेगा इनाम, सरकार की तरफ़ से मिली मंजूरी UPI Transaction Reward
  • सही नस्ल का चयन
  • संतुलित आहार
  • पशुओं का हेल्थ मैनेजमेंट
  • साफ-सफाई और उचित आवास

इन सब चीजों पर ध्यान देकर किसान दूध उत्पादन बढ़ा सकते हैं और अपनी आय में सुधार कर सकते हैं।