Kisan Credit Card: भारत सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2025-26 भाषण में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत मिलने वाले लोन की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की। यह फैसला कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाने तथा किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है।
7.7 करोड़ किसानों को मिलेगा फायदा
वित्त मंत्री के अनुसार, इस योजना से लगभग 7.7 करोड़ किसान, जिनमें मछुआरे और डेयरी किसान भी शामिल हैं, लाभान्वित होंगे। केसीसी के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
ब्याज सबवेंशन योजना में संशोधन
सरकार ने ब्याज सबवेंशन (एमआईएस) योजना में भी बदलाव किया है, ताकि किसानों को समय पर और अधिक लोन मिल सके। इससे किसानों को अपनी फसल उगाने, मवेशियों की देखभाल करने और अन्य कृषि कार्यों के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी।
किसानों के लिए आसान लोन प्रक्रिया
सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को सरल और प्रभावी बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। अब किसानों को बैंक से कम दस्तावेजों में लोन मिलेगा, जिससे वे बैंकों के चक्कर काटने से बच सकेंगे। इसके अलावा, डिजिटल आवेदन प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है।
कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
यह फैसला आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। किसानों को अधिक लोन मिलने से वे आधुनिक कृषि तकनीकों को अपना सकेंगे, जिससे उनकी उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी और वे अधिक मुनाफा कमा सकेंगे।
यूरिया उत्पादन को बढ़ावा: तीन सरकारी संयंत्र फिर से खुलेंगे
सरकार का नया निर्णय: यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता
कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार ने यूरिया उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार पूर्वी भारत में तीन बंद पड़े यूरिया संयंत्रों को फिर से चालू करेगी।
नया यूरिया संयंत्र असम में स्थापित होगा
यूरिया उत्पादन को बढ़ाने के लिए असम के नामरूप में एक नया प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। यह प्लांट देश में यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने में सहायक होगा।
यूरिया की कमी को दूर करने की पहल
देश में कई किसान यूरिया की कमी का सामना करते हैं, जिससे उनकी फसल पर असर पड़ता है। नए प्लांटों की स्थापना से यूरिया की आपूर्ति सुचारू होगी और किसानों को उचित समय पर खाद मिल सकेगा।
कपास उत्पादकों के लिए पांच वर्षीय मिशन
कपास उत्पादकों को मिलेगा बड़ा फायदा
वित्त मंत्री ने लाखों कपास उत्पादक किसानों के लिए एक विशेष पांच वर्षीय मिशन की घोषणा की है। इस मिशन का उद्देश्य कपास की उत्पादकता को बढ़ाना और किसानों को वैज्ञानिक व तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
उन्नत कपास की खेती को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना के तहत स्पेसली एक्स्ट्रा-लंबे स्टेपल (ईएलएस) कपास की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस कपास की मांग वैश्विक स्तर पर अधिक है और इसका उत्पादन बढ़ने से भारतीय किसानों को अधिक आय प्राप्त होगी।
5F विजन के अनुरूप मिशन
सरकार के ‘5F विजन’ (Farm to Fiber to Fabric to Fashion to Foreign) के तहत कपास की खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाएगा। इससे भारतीय कपड़ा उद्योग को भी मजबूती मिलेगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
बजट 2025-26: किसानों के लिए क्या बदलेगा?
कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने की दिशा में कदम
बजट 2025-26 में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कई नई योजनाएं घोषित की गई हैं। इनमें से कुछ प्रमुख घोषणाएं इस प्रकार हैं:
- किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लोन सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये
- यूरिया उत्पादन को बढ़ाने के लिए तीन नए संयंत्र पुनः संचालित किए जाएंगे
- असम में नया यूरिया संयंत्र स्थापित होगा
- कपास उत्पादकों के लिए पांच वर्षीय मिशन शुरू किया जाएगा
किसानों की आय बढ़ाने की पॉलिसी
सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करना है। इसीलिए सरकार किसानों को सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराने, उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और कृषि उत्पादों के लिए उचित बाजार व्यवस्था करने पर जोर दे रही है।