New Expressway: दिल्ली-NCR में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए सरकार और संबंधित एजेंसियां लगातार नए प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने फरीदाबाद-पलवल KMP एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लगभग 90% तक पूरा कर लिया है। अब इस एक्सप्रेसवे के बचे हुए 9 किलोमीटर के हिस्से पर कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे इसे अगस्त 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बचे हुए 9 किलोमीटर के हिस्से पर निर्माण कार्य जारी
59 किलोमीटर लंबे फरीदाबाद-पलवल KMP एक्सप्रेसवे में केवल 9 किलोमीटर का कार्य बचा हुआ है। यह हिस्सा मीठापुर से DND तक का है, जिसे पूरा करने के लिए NHAI ने चार स्थानों पर ब्लॉक मांगा है। इस बचे हुए हिस्से को पूरी तरह एलिवेटेड बनाया जा रहा है, ताकि ट्रैफिक सुगम तरीके से संचालित हो सके।
चार स्थानों पर ब्लॉक की मांग
NHAI ने चार महत्वपूर्ण स्थानों पर ब्लॉक मांगा है, जहां निर्माण कार्य किया जाना है:
- कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड
- मजेंटा लाइन मेट्रो के पास
- कालिंदी कुंज के पास मेट्रो स्टेशन के समीप
- आगरा नहर पर
इन स्थानों पर गार्डर रखने और अन्य निर्माण कार्य पूरे किए जाएंगे।
निर्माण कार्य की प्रोग्रेस
- इस 9 किलोमीटर के हिस्से में पिलर्स और पिलर कैप का काम लगभग पूरा हो चुका है।
- NHAI अब गार्डर रखने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
- सबसे पहले मजेंटा लाइन मेट्रो पर गार्डर रखा जाएगा।
- अप्रैल 2024 तक आगरा नहर और कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड के ऊपर गार्डर रखने का कार्य पूरा करने की योजना है।
- अगस्त 2024 तक इस एक्सप्रेसवे को पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से होगा बेहतर कनेक्शन
इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफर करना आसान हो जाएगा। खासतौर पर राजस्थान के दौसा तक सीधी कनेक्टिविटी मिलने से यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।
लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
फरीदाबाद-पलवल KMP एक्सप्रेसवे के निर्माण से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी। खासतौर पर:
- फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम से दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद आने-जाने वालों के लिए यह एक्सप्रेसवे बेहद फायदेमंद साबित होगा।
- कालिंदी कुंज और शाहीन बाग के पास लगने वाले भीषण ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा।
- दिल्ली से राजस्थान और मुंबई की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए सुगम सफर का रास्ता तैयार होगा।
परियोजना से जुड़ी चुनौतियां
हालांकि, इस परियोजना में कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं:
- शाहीन बाग और कालिंदी कुंज जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में निर्माण कार्य करने में कठिनाई हो सकती है।
- मेट्रो लाइनों के पास गार्डर रखने और अन्य निर्माण गतिविधियों के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन की आवश्यकता होगी।
- मानसून के कारण निर्माण कार्य में देरी हो सकती है, जिससे तय डेड्लाइन में कार्य पूरा करने में कठिनाई हो सकती है।