Tractor March: गणतंत्र दिवस पर इस बार पंजाब और हरियाणा की सड़कों पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च एक बड़ा आयोजन बनने जा रहा है. इस मार्च में 1 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल होंगे. किसान मजदूर मोर्चा के प्रधान सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि यह मार्च दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक चलेगा. इसके बाद किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ घर लौट जाएंगे.
शंभू बैरियर पर तैयारियां जोरों पर
सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बैरियर पर ट्रैक्टर मार्च की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को देशभर में होने वाले ट्रैक्टर मार्च को लेकर शंभू बैरियर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए हैं. यह आयोजन किसानों के अधिकार और उनकी मांगों को लेकर किया जा रहा है.
तमिलनाडु में किसानों का सांकेतिक भूख हड़ताल
किसानों के इस आंदोलन को देशभर में समर्थन मिल रहा है. तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में किसानों ने सांकेतिक भूख हड़ताल की. यह हड़ताल गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा के प्रधान जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में की गई.
जगजीत सिंह डल्लेवाल के इलाज में लापरवाही
डल्लेवाल के आमरण अनशन के 58वें दिन उनके इलाज में लापरवाही सामने आई है. बताया जा रहा है कि मौजूद जूनियर डॉक्टर ड्रिप ठीक से नहीं लगा सके, जिससे उनकी बाजू में चोट लग गई. इस घटना ने किसानों के गुस्से को और भड़का दिया है.
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों का यह ट्रैक्टर मार्च उनकी लंबित मांगों को लेकर किया जा रहा है. इनमें प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
- एमएसपी की कानूनी गारंटी: किसानों का कहना है कि फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सुनिश्चित की जाए.
- कर्ज माफी: किसानों पर बढ़ते कर्ज का समाधान किया जाए.
- फसल बीमा योजना का सुधार: फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी और किसानों के हित में बनाया जाए.
- कृषि कानूनों का विरोध: हालांकि कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं. लेकिन किसानों का कहना है कि उनके हितों की सुरक्षा के लिए और कदम उठाए जाने चाहिए.
ट्रैक्टर मार्च के प्रभाव
- सड़कों पर भारी भीड़: इस ट्रैक्टर मार्च के कारण पंजाब और हरियाणा की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
- राजनीतिक संदेश: यह प्रदर्शन किसानों की एकता और उनकी मांगों के प्रति गंभीरता को दर्शाएगा.
- आर्थिक प्रभाव: बड़े पैमाने पर ट्रैक्टर मार्च से क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों पर भी असर पड़ सकता है.
किसानों की एकता का प्रतीक
ट्रैक्टर मार्च सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि किसानों की एकता और संघर्ष का प्रतीक है. यह आयोजन यह साबित करता है कि देश के किसान अपने अधिकारों और मांगों को लेकर पूरी तरह से संगठित हैं.
सरकार और प्रशासन की तैयारी
ट्रैक्टर मार्च को लेकर सरकार और प्रशासन भी सतर्क है. पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में ट्रैफिक को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. पुलिस बल और ट्रैफिक पुलिस को महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है.
किसानों का संदेश
किसानों ने साफ कर दिया है कि यह मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अनुशासित होगा. वे चाहते हैं कि उनके मुद्दे देशभर में सुने जाएं और सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे.
किसानों का योगदान और संघर्ष
भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान अनमोल है. उनके संघर्ष और मेहनत के बिना देश का विकास अधूरा है. यह ट्रैक्टर मार्च सिर्फ उनके मुद्दों को उजागर करने का माध्यम है. बल्कि यह किसानों के त्याग और योगदान का भी प्रतीक है.
डल्लेवाल के समर्थन में बढ़ता जनसमर्थन
जगजीत सिंह डल्लेवाल का आंदोलन किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. उनके समर्थन में देशभर में किसान और नागरिक जुट रहे हैं. यह आंदोलन किसान एकता का प्रतीक बनता जा रहा है.