Free Electricity Connection: देश में किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सस्ती सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देना और सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराना है। इससे किसान अपने खेतों की सिंचाई का खर्च काफी हद तक कम कर सकते हैं। अब तक 5 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और उनकी सिंचाई लागत में 98% तक की कमी आई है।
योजना के तहत किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत बिहार के 8.40 लाख किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना में किसानों को अपने खेत के लिए बिजली कनेक्शन लेने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और सिंचाई के लिए मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। डीजल पंप की तुलना में यह तरीका काफी किफायती है और किसानों को सालाना हजारों रुपये की बचत होगी।
सिंचाई लागत में 98% की कमी
बिहार सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई लागत में 98% तक की कमी देखने को मिली है। जहां पहले डीजल पंप से सिंचाई करने पर प्रति घंटे 100 रुपये तक खर्च होते थे, वहीं अब बिजली से सिंचाई करने की लागत घटकर मात्र 2 रुपये प्रति घंटे रह गई है। इससे छोटे और सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, क्योंकि अब वे कम लागत में अधिक सिंचाई कर सकते हैं।
किसानों को प्रति यूनिट बिजली पर मिल रही 6.19 रुपये की सब्सिडी
बिहार सरकार किसानों को प्रति यूनिट 6.19 रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है। सरकार के इस अनुदान के कारण किसानों को 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। 2 हॉर्स पावर के मोटर पंप से प्रति घंटे 3-4 यूनिट बिजली खर्च होती है, जिससे सिंचाई का खर्च बेहद कम हो जाता है। इससे पहले डीजल पंप का इस्तेमाल करने पर किसानों को 10 गुना अधिक खर्च करना पड़ता था। इस योजना से किसानों को डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों से भी राहत मिलेगी।
कैसे करें मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के लिए आवेदन?
इस योजना में आवेदन करना काफी आसान और निःशुल्क है। किसानों को केवल कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे, जिनमें शामिल हैं:
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पता प्रमाण पत्र (Address Proof)
- वर्तमान लगान रसीद (खेत का दस्तावेज)
किसान इन दस्तावेजों के साथ “सुविधा ऐप” के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के बाद 7 कार्य दिवसों के भीतर उन्हें बिजली कनेक्शन की स्वीकृति मिल जाएगी। सरकार द्वारा उनके बोरिंग तक बिजली के तार और पोल पहुंचाने का काम किया जाएगा। इच्छुक किसान स्थानीय बिजली कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
अब तक कितने किसानों को मिल चुका है फायदा?
इस योजना के तहत अब तक 5.42 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। सरकार का टारगेट है कि 2025 तक 8.40 लाख किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाया जाए। शेष किसानों को भी जल्द से जल्द आवेदन करने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि आवेदन की डेड्लाइन 28 फरवरी, 2025 तय की गई है।
93 हजार ट्रांसफॉर्मर
बिहार सरकार ने इस योजना को पूरी तरह लागू करने के लिए 93,420 ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम शुरू किया है। इसके अलावा, अब तक 3.60 लाख डीजल पंपसेट को बिजली से जोड़ा जा चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 2024-26 के दौरान 4.80 लाख और पंपसेटों को बिजली से जोड़ा जाए।
हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार की नई योजना
बिहार सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए डेडिकेटेड कृषि फीडर भी बना रही है। रिवैंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत राज्य में 465 डेडिकेटेड कृषि फीडर बनाए गए हैं। साथ ही, 35,098 सर्किट किलोमीटर लंबी वितरण लाइनों का पुनर्निर्माण (रिकन्डक्टरिंग) किया गया है, जिससे बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से हो सके।
इन जिलों के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा
यह योजना पूरे बिहार में लागू की गई है, लेकिन कुछ जिलों के किसानों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। इनमें शामिल हैं:
- पटना
- मुजफ्फरपुर
- दरभंगा
- सहरसा
- गोपालगंज
- समस्तीपुर
- रोहतास
- भागलपुर
इन जिलों में पहले से ही सिंचाई के लिए डीजल पंपों का अधिक उपयोग होता था, जिससे किसानों को बहुत अधिक खर्च करना पड़ता था। बिजली कनेक्शन मिलने से इन किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी।
किसानों को क्या अन्य लाभ मिलेंगे?
- सिंचाई की लागत में भारी कमी
- डीजल और पेट्रोल के खर्च से मुक्ति
- हर मौसम में आसानी से सिंचाई करने की सुविधा
- खेतों में जल प्रबंधन में सुधार
- फसल की उत्पादकता में बढ़ोतरी
- आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने का अवसर