Alcohol Intoxication: शराब का सेवन करने वाले अक्सर यह सवाल करते हैं कि आखिर कितनी देर में शराब का नशा अपने चरम पर पहुंचता है। कई बार लोग एक के बाद एक कई पैग रम, व्हिस्की या वोदका पी जाते हैं क्योंकि शुरुआत में उन्हें ज्यादा नशा महसूस नहीं होता। लेकिन कुछ देर बाद हालत इतनी बिगड़ जाती है कि खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है।
शराब पीने के 10 मिनट में क्यों अच्छा महसूस होता है?
न्यूट्रीशनिस्ट सोनिया नारंग के अनुसार, शराब पीने के सिर्फ 10 मिनट के भीतर ही शरीर में डोपामाइन हार्मोन एक्टिव हो जाता है। डोपामाइन एक ऐसा न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क और शरीर में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश भेजने का काम करता है।
इसे ‘हैप्पीनेस हार्मोन’ भी कहा जाता है। जब यह हार्मोन सक्रिय होता है तो व्यक्ति अच्छा और हल्का महसूस करने लगता है। इसलिए शराब पीने के कुछ ही मिनटों में व्यक्ति को हल्कापन और खुशी का एहसास होने लगता है।
कब होता है नशा अपने चरम पर?
शराब पीने के लगभग 1 घंटे बाद नशा अपने चरम पर पहुंच जाता है। इस दौरान मस्तिष्क में अल्कोहल का असर इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति का प्रतिक्रिया समय (Reaction Time) धीमा हो जाता है।
यानि अगर कोई बात या कार्य आपके सामने होता है तो उस पर प्रतिक्रिया करने में समय लगने लगता है। यही वह समय होता है जब नशा पीक पर होता है और कई बार लोग अपनी सुध-बुध खोने लगते हैं।
नशा पीक पर आने के बाद शरीर पर असर
- सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है।
- शरीर का बैलेंस बिगड़ जाता है।
- बोलने में लड़खड़ाहट आ जाती है।
- चाल में असंतुलन हो जाता है।
- फैसला लेने की क्षमता प्रभावित होती है।
यह वह समय होता है जब नशे में धुत व्यक्ति सड़क हादसे, गिरने या अन्य दुर्घटनाओं का शिकार हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि शराब पीने के बाद गाड़ी चलाना या मशीनरी ऑपरेट करना खतरनाक हो सकता है।
6 घंटे बाद शरीर में क्या बदलाव आते हैं?
लगभग 6 घंटे बाद अल्कोहल ब्लड स्ट्रीम से बाहर निकलना शुरू करती है। इस दौरान शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर गिरने लगता है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है।
डिहाइड्रेशन के लक्षण:
- तेज सिरदर्द
- मुँह सूखना
- कमजोरी महसूस होना
- चक्कर आना
इस समय व्यक्ति को पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की अधिक जरूरत होती है। इसीलिए शराब पीने के बाद शरीर में पानी की कमी महसूस होती है।
12 घंटे बाद नशा उतर जाता है
शराब पीने के करीब 12 घंटे बाद शरीर से अल्कोहल बाहर निकल चुका होता है। हालांकि इस समय व्यक्ति पूरी तरह सामान्य महसूस नहीं करता क्योंकि हैंगओवर अभी भी रहता है।
हैंगओवर के लक्षण:
- सिर में भारीपन या दर्द
- पेट खराब होना या उल्टी जैसा महसूस होना
- थकान और चिड़चिड़ापन
- भूख न लगना
- नींद पूरी न होना
हैंगओवर इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने कितनी मात्रा में शराब का सेवन किया था और आपका शरीर कितनी तेजी से अल्कोहल को प्रोसेस करता है।
24 घंटे बाद बॉडी करती है खुद की मरम्मत
शराब पीने के 24 घंटे बाद शरीर खुद को रिपेयर करने की प्रक्रिया में जुट जाता है। इस दौरान लिवर और किडनी अतिरिक्त अल्कोहल को शरीर से बाहर निकालने का काम करते हैं और डैमेज टिशूज को रिपेयर करने में सहायता करते हैं।
साथ ही शरीर में फिर से इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बनना शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे ऊर्जा लौटने लगती है।
शराब का असर व्यक्ति-व्यक्ति पर क्यों अलग होता है?
यह जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति में शराब का असर एक जैसा हो। इसका असर उम्र, वजन, शरीर की क्षमता और अल्कोहल की मात्रा पर निर्भर करता है।
- जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म तेज होता है, वे शराब को जल्दी प्रोसेस कर लेते हैं।
- महिलाएं पुरुषों की तुलना में शराब के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं।
- जो लोग रेगुलर शराब पीते हैं, उनमें सहनशीलता अधिक हो जाती है, इसलिए शुरुआत में नशा कम महसूस होता है।
शराब के सेवन में सावधानी क्यों जरूरी?
शराब का सेवन अगर संतुलित मात्रा में किया जाए तो कभी-कभी यह हानिकारक नहीं होती। लेकिन अधिक मात्रा में पीने से न सिर्फ सेहत को नुकसान होता है बल्कि सामाजिक और कानूनी परेशानियां भी बढ़ सकती हैं।
- अत्यधिक सेवन से लीवर सिरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट प्रॉब्लम जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- नशे में गाड़ी चलाना हादसों को दावत देता है।
- लंबी अवधि में शराब डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है।