Aadhaar Card Link: मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए समग्र आईडी (Samagra ID) को अब एक अनिवार्य दस्तावेज बना दिया है। अगर आप मध्यप्रदेश में रहते हैं और अभी तक आपने समग्र आईडी नहीं बनवाई है या उसे आधार कार्ड से लिंक नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि आने वाले समय में बिना समग्र आईडी के आपको सरकारी योजनाओं (government schemes) का लाभ नहीं मिल पाएगा।
इसके अलावा प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से लेकर वाहन खरीदने तक, हर जगह अब आधार के साथ-साथ समग्र आईडी की भी मांग की जा रही है। आइए जानते हैं समग्र आईडी से जुड़ी पूरी जानकारी और इसके लाभ।
सरकारी योजनाओं के लिए समग्र आईडी क्यों जरूरी?
राज्य सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं और कार्यों में समग्र आईडी को अनिवार्य कर दिया है। पहले केवल आधार कार्ड से कई योजनाओं में आवेदन संभव था, लेकिन अब समग्र आईडी के बिना आप किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।
समग्र आईडी अनिवार्य होने के प्रमुख कारण:
- सभी नागरिकों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस बनाना।
- योजनाओं में पारदर्शिता और सही लाभार्थियों तक योजना पहुंचाना।
- डुप्लीकेट और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना।
इसका सीधा मतलब यह है कि अगर आप प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन कार्ड, छात्रवृत्ति या किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना में आवेदन करना चाहते हैं, तो समग्र आईडी जरूरी होगी।
प्रॉपर्टी और वाहन खरीदने में भी जरूरी हुई समग्र आईडी
अब प्रॉपर्टी या वाहन रजिस्ट्रेशन के समय सिर्फ आधार कार्ड ही पर्याप्त नहीं होगा। मध्यप्रदेश में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेसन और वाहन खरीदने के लिए भी समग्र आईडी देना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी अगर आप कोई जमीन, मकान, कार या बाइक खरीदने जा रहे हैं, तो रजिस्ट्रेशन के दौरान आपको अपनी समग्र आईडी नंबर देना होगा।
इस नियम के लागू होने से राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी महत्वपूर्ण लेन-देन में नागरिकों की पहचान का सही और पूरा रिकॉर्ड रखा जा सके।
क्या है समग्र आईडी?
समग्र आईडी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया एक विशेष नंबर है, जो प्रदेश के हर परिवार और परिवार के सदस्यों को दिया जाता है। यह एक 8 अंकों की संख्या होती है, जिसे समग्र पोर्टल (Samagra Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जनरेट किया जाता है।
समग्र आईडी के प्रकार:
- परिवार समग्र आईडी: यह पूरे परिवार के लिए होती है।
- पर्सनल समग्र आईडी: यह परिवार के हर सदस्य को दी जाती है, जो 9 अंकों की होती है।
समग्र आईडी का उद्देश्य:
- राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सभी योजनाओं में पात्रता की जांच में मदद करना।
- लाभार्थी का पूरा डाटा एक ही जगह सुरक्षित रखना।
- योजनाओं के तहत डाटा कलेक्शन को सरल बनाना।
समग्र आईडी और आधार लिंकिंग क्यों है जरूरी?
हालांकि कई योजनाओं में आधार कार्ड पहले से अनिवार्य है, लेकिन समग्र आईडी को भी अब आधार से लिंक करना जरूरी कर दिया गया है।
लिंकिंग के फायदे:
- योजनाओं में आवेदन के दौरान दस्तावेजों का वेरीफिकेशन सुनिश्चित होता है।
- आधार और समग्र आईडी लिंक होने से भविष्य में सरकारी सेवाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के मिलेगा।
- कई बार राज्य सरकार योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) करती है, ऐसे में लिंकिंग जरूरी हो जाती है।
अगर आपने अभी तक अपनी समग्र आईडी को आधार कार्ड से लिंक नहीं किया है, तो जल्द से जल्द करा लें। क्योंकि बिना लिंकिंग के कई योजनाओं में आपका आवेदन अटक सकता है।
समग्र आईडी का पेंशन योजनाओं में क्या है रोल?
राज्य सरकार ने भले ही समग्र आईडी को कई योजनाओं में अनिवार्य किया है, लेकिन पेंशन योजनाओं में इसका असर थोड़ा अलग है।
पेंशन योजनाओं में समग्र आईडी लिंकिंग:
- अगर आपकी समग्र आईडी आधार से लिंक नहीं है, तब भी आपकी पेंशन रुकने वाली नहीं है।
- वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन या अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन में समग्र आईडी का आधार से लिंक होना अनिवार्य नहीं है।
हालांकि, भविष्य में राज्य सरकार यदि इस नियम में कोई बदलाव करती है तो आपको अपनी समग्र आईडी को आधार से लिंक कराना पड़ सकता है।
वृद्धा पेंशन योजना में समग्र आईडी का महत्व
मध्यप्रदेश में वृद्धा पेंशन योजना उन बुजुर्गों के लिए है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। इस योजना में पात्र बुजुर्गों को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाती है।
योजना की खास बातें:
- आयु सीमा: 60 वर्ष या उससे अधिक।
- लाभार्थी की मासिक आय राज्य सरकार द्वारा तय सीमा से कम होनी चाहिए।
- समग्र आईडी अनिवार्य है लेकिन इसे आधार से लिंक करने की अनिवार्यता नहीं है।
इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी कर सकें।
विधवा पेंशन योजना में समग्र आईडी की भूमिका
विधवा पेंशन योजना को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के नाम से भी जाना जाता है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित है, जिसका लाभ राज्य सरकार भी अपने लेवल से बढ़ाकर देती है।
योजना की विशेषताएं:
- पात्रता आयु: 40 से 79 साल।
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली विधवा महिलाओं को ही इस योजना में शामिल किया जाता है।
- समग्र आईडी यहां भी जरूरी है, लेकिन आधार से लिंकिंग का कोई दबाव नहीं है।