PM Awas Yojana से जुड़े परिवारों के लिए बड़ी खबर, सर्वे के साथ लाभार्थियों को मिलेगा मनरेगा जॉब कार्ड

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PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत जिले में योग्य लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए एक सर्वे कार्य शुरू किया गया है। इस सर्वे के जरिए योग्य लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी और इसे मुख्यालय भेजा जाएगा। इसके बाद जिलावार लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। इस योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की समस्या को दूर करना और गरीबों को अपना घर दिलाना है।

सर्वे के दौरान मिलेगा मनरेगा जॉब कार्ड

इस सर्वे के दौरान एक बड़ा बदलाव यह है कि योग्य लाभार्थियों को मनरेगा (MGNREGA) का जॉब कार्ड भी दिया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को इसकी जानकारी देते हुए पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि मनरेगा के तहत 90-95 दिनों का जॉब कार्ड देना अनिवार्य है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और आवास योजना के लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए उठाया गया है।

आवास विहीन परिवारों को मिलेगी प्रायोरिटी

ग्रामीण विकास विभाग ने निर्देश दिया है कि आवास विहीन परिवार, जिनके पास पहले से जॉब कार्ड नहीं है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जॉब कार्ड दिया जाए। इसके लिए ग्रामीण आवास सहायक और पंचायत रोजगार सेवक की उपस्थिति में प्रखंड लेवल पर कैंप लगाकर जॉब कार्ड जारी किए जाएंगे। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और सुविधा को ध्यान में रखकर की जाएगी, ताकि हर योग्य लाभार्थी तक योजना का लाभ पहुंच सके।

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चनपटिया में हुई सर्वे की जाँच

प्रधानमंत्री आवास योजना की स्पेशल जाँच में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से चनपटिया प्रखंड में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का नेतृत्व बीडीओ प्रणव कुमार गिरि ने किया। बैठक में आवास पर्यवेक्षक और आवास सहायकों ने भाग लिया। बीडीओ ने कहा कि पीएम आवास योजना का सर्वेक्षण 10 जनवरी से शुरू हुआ है और यह मार्च तक जारी रहेगा। उन्होंने आवास सहायकों से कहा कि वे प्राथमिकता के आधार पर योग्य लाभार्थियों का चयन करें और जाँच में पारदर्शिता बनाए रखें।

सर्वे में पारदर्शिता पर जोर

बीडीओ ने आवास सहायकों को निर्देश दिया कि वे सर्वेक्षण के दौरान पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता बरतें। उन्होंने कहा कि पहले प्राथमिकता वाले लाभार्थियों का चयन किया जाए और उसके बाद अन्य जाति के वाजिब लाभार्थियों को सूची में शामिल किया जाए। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

बिचौलियों से रहें सावधान

बैठक के दौरान बीडीओ ने लाभार्थियों को बिचौलियों से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सर्वेक्षण में नाम जोड़ने के लिए बिचौलियों का सहारा लेते हैं, जो गलत है। यह न केवल योजना की पारदर्शिता को खत्म करता है, बल्कि योग्य लाभार्थियों के हक को भी मारता है। इसलिए, लाभार्थियों को सीधे अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से बचना चाहिए।

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आवास योजना की प्रगति की जाँच

बैठक में पीएम आवास योजना की प्रगति की भी जाँच की गई। आवास, पेंडिंग पहली किस्त, दूसरी किस्त और तीसरी किस्त की स्थिति पर चर्चा की गई। साथ ही, नए लक्ष्य के तहत योग्य लाभार्थियों का चयन और मुख्यमंत्री आवास योजना की रिपोर्ट की भी जाँच की गई। बैठक में आवास पर्यवेक्षक नितेश कुमार, सहायक अरविंद कुमार, नवीन कुमार, नवनीत कुमार, रूपेश कुमार, संजीत कुमार और मणिभूषण पांडेय जैसे अधिकारी मौजूद रहे।

योजना का लक्ष्य और महत्व

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को सस्ते और बेहतर आवास की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। यह योजना न केवल आवास की समस्या को दूर करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा करती है। मनरेगा जॉब कार्ड के साथ यह योजना ग्रामीणों के लिए और भी फायदेमंद साबित हो रही है।

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