प्राइवेट स्कूलों में इन बच्चों की होगी मुफ्त पढ़ाई, 1555 निजी स्कूलों को सरकार ने भेजे 33.545 करोड़ रूपए Free Private School Education

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Free Private School Education: हरियाणा सरकार ने गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा को सुचारू बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने नियम 134ए के तहत प्रदेश के 1555 प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा दूसरी से आठवीं तक के छात्रों की फीस के लिए 33.545 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इससे उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई जारी रखने में कठिनाई का सामना कर रहे थे।

प्राइवेट स्कूल संघ ने सरकार के फैसले का किया वेलकम

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए एक पॉजिटिव पहल बताया है। संघ के अध्यक्ष सत्यवान कुंडू, पैटर्न तेलूराम रामायणवाला, प्रांतीय महासचिव पवन राणा व रणधीर पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान अशोक कुमार व संजय धतरवाल, सचिव प्रदीप पूनिया ने सरकार से अपील की है कि कक्षा नौंवी से 12वीं तक के छात्रों के लिए भी फीस दी जाए।

नौंवी से 12वीं कक्षा के लिए

संघ के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2015-16 से लेकर वर्तमान शैक्षणिक सत्र तक प्राइवेट स्कूलों ने कक्षा नौंवी से 12वीं तक के छात्रों को नियम 134ए के तहत मुफ़्त शिक्षा दी है, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी फीस प्रतिपूर्ति की कोई साफ योजना नहीं बनाई है। उन्होंने सरकार से रीक्वेस्ट किया है कि जल्द से जल्द इन कक्षाओं की फीस निर्धारित की जाए और भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन पोर्टल खोला जाए ताकि नौ सालों की पेंडिंग राशि स्कूलों को प्राप्त हो सके।

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चिराग योजना और आरटीई के तहत

संघ के पदाधिकारियों ने सरकार से चिराग योजना और शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत दी जाने वाली फीस राशि को भी जल्द जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार इन योजनाओं के तहत स्कूलों को समय पर भुगतान करती है, तो गरीब बच्चों की शिक्षा में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।

सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन

हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ताजा भोजन उपलब्ध कराने के लिए एक नई पहल शुरू की है। शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने परिसर में किचन गार्डन विकसित करें, जहां सब्जियां उगाई जा सकें। जिन स्कूलों में पर्याप्त जगह नहीं है, वहां छतों पर गमलों में सब्जियां उगाने की योजना बनाई गई है।

मिड-डे-मील

शिक्षा विभाग ने मिड-डे-मील के तहत दिए जाने वाले भोजन को तय मैन्यू के अनुसार बनाने के निर्देश दिए हैं। यदि किसी विद्यालय में इस नियम का पालन नहीं किया जाता है, तो वहां के विद्यालय मुखिया और इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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स्वच्छता और गुणवत्ता पर खास ध्यान

मिड-डे-मील की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई है। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि किचन में मकड़ी के जाले, चूहे, गंदगी या अन्य कोई अस्वच्छता नहीं होनी चाहिए। सभी कुक और हेल्पर यूनिफॉर्म में रहेंगे और अनाज की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। साथ ही सूखे दूध के पैकेट और अन्य खाद्य सामग्री के रखरखाव के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।