Haryana Government: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बतौर वित्त मंत्री विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री ने संत कबीर कुटीर स्थित अपने आवास पर बजट की कॉपी पर साइन किए और फिर विधानसभा के लिए रवाना हो गए।
यह बजट खास इसलिए भी है क्योंकि यह नायब सैनी का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहला बजट है। इस मौके पर विधानसभा में खास माहौल देखने को मिला। बजट पेश करने से पहले सभी विधायकों को गोहाना की फेमस मातूराम हलवाई की जलेबी भी परोसी गई।
किसानों के लिए राहत भरी घोषणाएं
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बजट में किसानों को बड़ी राहत दी है। धान की सीधी बिजाई (Direct Seeding of Rice) करने वाले किसानों को अब ज्यादा सब्सिडी मिलेगी। पहले सरकार इस खेती के लिए 4,000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी देती थी, जिसे अब बढ़ाकर 4,500 रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि धान की सीधी बिजाई से पानी की खपत कम होती है और इस पद्धति से पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है। इसलिए सरकार इस खेती को बढ़ावा देना चाहती है।
प्राकृतिक खेती और देशी गाय पर बढ़ी सब्सिडी
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और अहम घोषणा की। अभी प्रदेश में लगभग 25 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती हो रही है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख एकड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है।
देशी गाय खरीदने वाले किसानों के लिए भी सब्सिडी में इजाफा किया गया है। पहले सरकार इस पर 25,000 रुपये की सहायता देती थी, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। यह कदम देसी नस्ल की गायों के संरक्षण और उनके पालन-पोषण को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।
पराली प्रबंधन और गन्ना हार्वेस्टर पर सब्सिडी
पराली प्रबंधन को लेकर भी किसानों को राहत दी गई है। अब पराली का सही प्रबंधन करने वाले किसानों को मिलने वाली 1,000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी बढ़ाकर 1,200 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है। इससे किसानों को पराली जलाने से रोकने में मदद मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा गन्ने की फसल की मशीन से कटाई के लिए हार्वेस्टर पर भी सब्सिडी देने का प्रस्ताव सरकार ने बजट में रखा है। यह फैसला गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि मशीन से कटाई करने में लागत कम आती है और समय की भी बचत होती है।
पूरे प्रदेश में बीज परीक्षण लैब और बागवानी मिशन
मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी जिलों में बीज परीक्षण लैब स्थापित की जाएंगी। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराना है ताकि उनकी उपज में बढ़ोतरी हो सके।
बजट में हरियाणा के सभी 22 जिलों में बागवानी मिशन लागू करने का भी प्रस्ताव किया गया है। इससे राज्य में बागवानी क्षेत्र का विकास होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर के लिए तीन नए उत्कृष्टता केंद्र
राज्य सरकार ने किसानों के लिए फल उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीन नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया है।
- अंबाला में लीची के लिए
- यमुनानगर में स्ट्रॉबेरी के लिए
- हिसार में खजूर के लिए
इसके अलावा, पलवल जिले में बागवानी अनुसंधान केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। इन केंद्रों से किसानों को आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे बागवानी क्षेत्र में उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
महिला बागवानों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज
मुख्यमंत्री ने बजट में महिलाओं के लिए भी बड़ा तोहफा दिया। अब राज्य में महिला बागवानों को 1 लाख रुपये तक का कर्ज बिना ब्याज के दिया जाएगा। इस योजना से ग्रामीण महिलाओं को बागवानी क्षेत्र में स्वरोजगार का अवसर मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
यह निर्णय महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और बागवानी में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
गोबर खाद और पहाड़ी किसानों के लिए नई नीति
बजट में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही गोबर खाद को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति लाने जा रही है। इस नीति का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करना और रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करना है।
साथ ही, मोरनी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी एक अलग नीति बनाई जाएगी। सरकार का कहना है कि मोरनी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि के लिए खास योजनाएं शुरू की जाएंगी।
हरियाणा बजट में कृषि पर खास फोकस
इस बार के बजट में साफ दिख रहा है कि सरकार का फोकस किसानों की भलाई और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर है।
चाहे वह धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा देना हो, पराली प्रबंधन में सहायता हो, या फिर बागवानी मिशन का विस्तार, हर योजना में किसानों की आय को दोगुना करने और लागत को घटाने का प्रयास झलकता है।