हरियाणा में यहां बिछाई जाएगी नई रेल पटरियां, सातवें आसमान पर पहुंची जमीन कीमतें Haryana New Railway Line

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Haryana New Railway Line: हरियाणा वासियों के लिए यह एक बड़ी खबर है कि राज्य में ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के यातायात दबाव को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही, यह क्षेत्रीय विकास और औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने में भी मदद करेगा।

पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच बनने वाला कॉरिडोर

हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) ने इस प्रोजेक्ट की योजना बनाई है। यह कॉरिडोर पलवल, मानेसर और सोनीपत को जोड़ने वाला होगा। इसके माध्यम से न केवल यात्री, बल्कि भारी माल परिवहन भी सुगम होगा। यह रेल परियोजना दिल्ली के आसपास के इलाकों में ट्रैफिक दबाव को कम करने और निर्बाध यातायात सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई जा रही है।

दिल्ली-एनसीआर के ट्र्रैफिक दबाव को कम करेगा

ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर के यातायात दबाव को कम करना है। इस रेल लाइन से माल और यात्री दोनों प्रकार के यातायात को संभालने की सुविधा होगी। इसका खास फायदा दिल्ली में बढ़ते ट्रैफिक जाम को कम करने और मानेसर जैसे औद्योगिक केंद्रों में आवागमन सुगम बनाने में होगा।

यह भी पढ़े:
राशन कार्ड के बिना भी ले सकते है योजनाओं का लाभ, इस कार्ड से आसान हो जाएगा काम Government Schemes

जिलों से गुजरने वाली रेल लाइन

यह 126 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन हरियाणा के कई महत्वपूर्ण जिलों जैसे नूंह और गुरुग्राम से होकर गुजरेगी। इसके निर्माण में लगभग 5700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह न केवल हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ेगी, बल्कि आसपास के इलाकों में रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर भी प्रदान करेगी।

स्टेशन और उनके लाभ

इस कॉरिडोर पर कुल 15 स्टेशन बनाए जाएंगे, जो ये होंगे:

  • सोनीपत
  • तुर्कपुर
  • खरखौदा
  • जसौर खेड़ी
  • मांडौठी
  • बादली
  • देवरखाना
  • बाढ़सा
  • न्यू पातली
  • पचगांव
  • आईएमटी मानेसर
  • चंदला डूंगरवास
  • धुलावट
  • सोहना
  • न्यू पलवल

इन स्टेशनों से स्थानीय यात्रियों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह परियोजना माल परिवहन के लिए भी क्रांतिकारी साबित होगी।

यह भी पढ़े:
Rare Dimes and Bicentennial Rare Dimes and Bicentennial Quarter Worth $22 Million, Could You Have One in Your Pocket?

डबल स्टैक कंटेनर तकनीक

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की एक अनोखी विशेषता इसकी डबल स्टैक कंटेनर तकनीक है। इस तकनीक से भारी और बड़े आकार के कंटेनरों को आसानी से ले जाया जा सकेगा। यह माल परिवहन की लागत को कम करेगा और व्यापार में तेजी लाएगा।

सुरंग निर्माण की खासियत

इस रेल कॉरिडोर पर दो सुरंगों का निर्माण होगा, जिनकी लंबाई लगभग 4.7 किलोमीटर होगी। इन सुरंगों की ऊंचाई 11 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी। ये सुरंगें डबल स्टैक कंटेनरों के लिए डिजाइन की गई हैं।

रेल ट्रैक की स्पीड और कैपेसिटी

यह रेल ट्रैक 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनों को चलाने की क्षमता रखेगा। इससे माल और यात्री यातायात में न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रा का अनुभव भी बेहतर होगा।

यह भी पढ़े:
Ancient Bicentennial Quarter 5 Ancient Bicentennial Quarter Worth $72 Million Each, Still in Circulation

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए फायदा

इस प्रोजेक्ट से न केवल शहरी क्षेत्रों को फायदा होगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय स्तर पर व्यापार और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

हरियाणा के औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

आईएमटी मानेसर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे जोड़ने वाला यह कॉरिडोर हरियाणा के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। इससे राज्य के उद्योगपति और व्यापारी सीधे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ सकेंगे।

पलवल से सोनीपत तक विकास की नई रेखा

यह रेल लाइन पलवल से सोनीपत तक विकास की एक नई रेखा खींचेगी। इससे न केवल हरियाणा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य राज्यों को भी फायदा होगा।

यह भी पढ़े:
राशन डिपुओं में एकसाथ मिलेगा 3 महीने का सरसों तेल, इस दिन शुरू होगा वितरण Ration Depot