Haryana Weather Update: हरियाणा में गुरुवार से पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखना शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, 14 से 16 मार्च के बीच प्रदेश के कई इलाकों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी होने की संभावना बनी हुई है। इस बदलाव का असर खासकर उन जिलों में अधिक रहेगा जो राजस्थान की सीमा से लगते हैं। 16 मार्च के बाद इन इलाकों में तेज हवाएं और धूल भरी आंधी भी चल सकती है।
दिन के तापमान में गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से हरियाणा के कई इलाकों में दिन के तापमान में कमी आ सकती है। वर्तमान में प्रदेश में हर दिन तापमान में लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट देखी जा सकती है।
हालांकि, रात का तापमान बढ़ने के संकेत मिले हैं। अधिकतर जिलों में रात का तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जबकि पलवल और रोहतक में यह 18 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।
13 से 16 मार्च तक कैसा रहेगा मौसम?
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ के अनुसार, 16 मार्च तक प्रदेश का मौसम परिवर्तनशील रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते 13 मार्च को हवाओं की दिशा में बदलाव होगा, जिससे बादलों की सक्रियता बढ़ेगी।
13 से 15 मार्च तक हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों में बादल छाए रहने की संभावना है। इसके अलावा, कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी और बारिश होने की संभावना भी जताई गई है। 16 मार्च को विशेष रूप से उत्तरी जिलों में बारिश की संभावना ज्यादा रहेगी।
किन जिलों में रहेगा बारिश का असर?
मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, हरियाणा के उत्तरी और पश्चिमी जिलों में इस मौसम परिवर्तन का ज्यादा असर दिखेगा। अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, फतेहाबाद, हिसार और सिरसा जिलों में 14 से 16 मार्च के बीच बूंदाबांदी और हल्की बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
वहीं, राजस्थान से सटे जिलों जैसे भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर में 16 मार्च को तेज हवाएं चल सकती हैं और धूल भरी आंधी भी देखने को मिल सकती है।
किसानों के लिए क्या है सलाह?
चूंकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाएं तेज होंगी और बारिश की संभावना बनी हुई है, किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की जरूरत है। कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि जिन किसानों ने अभी तक अपनी गेहूं की फसल में सिंचाई नहीं की है, वे 13 मार्च तक सिंचाई पूरी कर लें।