रात में ट्रेनों की स्पीड कैसे बढ़ जाती है, वजह भी है बेहद खास Train Speed Rules

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Train Speed Rules: भारतीय रेलवे में ट्रेन लेट होने की समस्या आम बात है। आपने कई बार रेलवे स्टेशनों पर घोषणा सुनी होगी – “यात्रीगण कृपया ध्यान दें, आपकी ट्रेन अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही है, हमें इस असुविधा के लिए खेद है।” दिन के समय ट्रेनें अक्सर लेट हो जाती हैं, लेकिन रात में यही ट्रेनें अपनी स्पीड पकड़कर दूरी को कवर कर लेती हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं इसके पीछे के तीन मुख्य कारण।

पहला कारण

भारतीय रेलवे में इंटरसिटी, मेमू (MEMU), डेमू (DEMU), शटल और लोकल ट्रेनें दिन के समय अधिक चलती हैं। ये ट्रेनें आमतौर पर छोटी दूरी तय करती हैं और कई स्टेशनों पर रुकती हैं, जिससे ट्रैफिक बढ़ जाता है और लंबी दूरी की ट्रेनों को धीमी गति से चलना पड़ता है।

रात में ट्रैक फ्री मिलने का फायदा

रात के समय जब छोटी दूरी की ट्रेनें नहीं चलती हैं, तो लंबी दूरी की ट्रेनों को ट्रैक पर ज्यादा स्पेस मिल जाता है। इससे उन्हें बिना किसी बाधा के तेज गति से चलने का मौका मिलता है और वे अपने लेट होने के समय को कवर कर लेती हैं।

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दूसरा कारण

भारतीय रेलवे में ट्रैक्स का मेंटीनेंस वर्क आमतौर पर दिन में किया जाता है। दिन में ट्रैक्स पर काम होने की वजह से कई रूटों पर ट्रेनों को धीमी गति से चलना पड़ता है या कुछ समय के लिए रोका जाता है।

मेंटीनेंस बाधा नहीं बनने से ट्रेन की गति बढ़ती है

रात के समय मेंटीनेंस कार्य नहीं होता, जिससे ट्रेनों को बिना किसी रुकावट के ट्रैक मिल जाता है। यह लंबी दूरी की ट्रेनों को अपनी रफ्तार बढ़ाने का अवसर देता है और वे तेजी से दूरी को कवर कर लेती हैं।

तीसरा कारण

दिन के समय ट्रेनें कई स्टेशनों पर रुकती हैं, जिससे उनकी स्पीड प्रभावित होती है। हर स्टेशन से पहले ट्रेन की गति धीमी करनी पड़ती है, रुकने के बाद फिर से गति पकड़ने में समय लगता है।

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कम स्टॉपेज से ट्रेन को स्पीड बनाए रखने में मदद मिलती है

रात में लंबी दूरी की ट्रेनों के स्टॉपेज कम होते हैं, जिससे वे बिना ज्यादा रुकावट के तेज गति से आगे बढ़ती हैं। कम स्टॉपेज की वजह से ट्रेनें तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंच पाती हैं और दिन में हुई देरी को पूरा कर लेती हैं।

ट्रेन की स्पीड बढ़ाने में लोको पायलट की भूमिका

लोको पायलट ट्रेन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जब उन्हें ट्रैक क्लियर मिलता है और स्टॉपेज कम होते हैं, तो वे ट्रेन की गति बढ़ाकर उसे समय पर गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं।

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