Gold Silver Price: हर साल की तरह इस बार भी जैसे ही त्योहारों और शादियों का सीजन शुरू हुआ, सोने और चांदी (Gold Silver Rate) की मांग में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। भारत में यह परंपरा रही है कि शादी-ब्याह और धार्मिक अवसरों पर सोने और चांदी की खरीदारी जरूर की जाती है। यही वजह है कि जैसे ही त्योहारों का समय आता है, इनकी मांग और कीमत दोनों ही बढ़ने लगती हैं। फिलहाल सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई हैं और चांदी भी पीछे नहीं है।
MCX और इंटरनेशनल मार्केट में सोने का नया रिकॉर्ड
अगर घरेलू बाजार की बात करें तो MCX पर सोने की कीमतें (MCX gold price) 87,866 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस के करीब कारोबार कर रहा है। इतनी ऊंची कीमतें लंबे समय बाद देखने को मिली हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि सोने में निवेश करने वालों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है, लेकिन जो लोग इसे खरीदना चाहते हैं, उनके लिए यह खर्चीला सौदा बन गया है।
क्यों हो रही है सोने की कीमतों में इतनी तेजी?
सोने की कीमतों में यह तेजी यूं ही नहीं आई है। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं जो ग्लोबल और घरेलू दोनों ही स्तर पर असर डाल रहे हैं। सबसे बड़ा कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता है। रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव ने बाजार में अस्थिरता पैदा कर दी है। इसके अलावा, दुनिया के कई बड़े केंद्रीय बैंक, जिनमें RBI भी शामिल है, सोने की खरीदारी में तेजी दिखा रहे हैं। इससे सोने की डिमांड और कीमत दोनों में इजाफा हुआ है।
US-चीन ट्रेड वॉर ने बढ़ाई सोने की चमक
अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर ने सोने को फिर से ‘सेफ हेवन’ यानी सुरक्षित निवेश ऑप्शन बना दिया है। ट्रम्प ने यूरोपीय शराब पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है और चीन पर भी नए टैरिफ लगाए हैं। इस तरह के कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ाते हैं और लोग सोने की ओर रुख करते हैं। इससे सोने की कीमतें (Sone ka Bhav) लगातार ऊपर जा रही हैं।
केंद्रीय बैंकों की सोने में होल्डिंग बढ़ी
सिर्फ आम निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक भी सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में पोलैंड, तुर्की और भारत जैसे देशों के केंद्रीय बैंक सबसे ज्यादा सोना खरीदने वालों में शामिल रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर जो आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, उसके चलते कई देश डॉलर-आधारित भंडार से दूरी बना रहे हैं और सोने में निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि आने वाले समय में भी सोने की मांग बनी रह सकती है।
एक्सपर्ट्स का अनुमान
सोने के बाजार पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि अगर मौजूदा हालात ऐसे ही बने रहे तो 2025 तक MCX पर सोने का भाव 92,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। हालांकि एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि अगर वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर सुलझ गया या फेडरल रिजर्व ने दरों में कटौती नहीं की तो सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
जानिए सोने के महंगा होने की बड़ी वजहें
1. ट्रेड वॉर और टैरिफ की अनिश्चितता
अमेरिका और चीन के बीच तनाव और यूरोप पर ट्रम्प की टैरिफ की धमकी ने बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है। निवेशक सुरक्षित ऑप्शन के रूप में सोने को चुन रहे हैं।
2. केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी
2024 में केंद्रीय बैंकों द्वारा भारी मात्रा में सोना खरीदा गया है और 2025 में भी यह ट्रेंड जारी रह सकता है। इससे सोने की कीमतों में तेजी बनी रहेगी।
3. फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती
2025 में फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कम से कम तीन बार कटौती करने की उम्मीद है। ब्याज दरें कम होने से सोने में निवेश करने की दिलचस्पी बढ़ती है।
4. कमजोर अमेरिकी डॉलर
डॉलर इंडेक्स 104 से नीचे आ गया है और 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड 4.27 प्रतिशत तक गिर गई है। कमजोर डॉलर सोने को एक मजबूत ऑप्शन बनाता है क्योंकि इसकी कीमत डॉलर में तय होती है।
5. भू-राजनीतिक जोखिम
रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-चीन ट्रेड विवाद ने निवेशकों को असुरक्षा की भावना दी है। ऐसे में सोना सुरक्षित निवेश ऑप्शन बन गया है।
6. महंगाई का दबाव
हालांकि अमेरिका में CPI 2.8 प्रतिशत तक गिर गया है, लेकिन बढ़ते टैरिफ और मौद्रिक सहजता (Monetary Easing) से महंगाई फिर से बढ़ सकती है, जो सोने की कीमतों को ऊपर धकेल सकती है।
7. शेयर बाजार में गिरावट
निफ्टी, डॉव जोन्स, S&P 500 और नैस्डैक जैसे बड़े शेयर बाजारों में हाल ही में गिरावट आई है। जब बाजार में गिरावट होती है तो निवेशक सोने में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं।
क्या कभी गिर सकते हैं सोने के भाव?
जहां सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है, वहीं कुछ स्थितियां ऐसी भी हैं जो भावों में गिरावट ला सकती हैं। आइए जानते हैं वे कारण कौन से हैं।
1. ट्रेड वॉर का हल निकलना
अगर अमेरिका और चीन के बीच कोई समझौता हो जाता है या ट्रेड वॉर की स्थिति सामान्य हो जाती है तो सोने की मांग में कमी आ सकती है। इससे कीमतों में गिरावट आ सकती है।
2. अमेरिकी डॉलर में मजबूती
अगर डॉलर इंडेक्स फिर से 105 के ऊपर चला जाता है और ट्रेजरी यील्ड 4.5 प्रतिशत से ऊपर निकलती है तो सोने पर दबाव बढ़ सकता है। डॉलर मजबूत होने से सोना महंगा हो जाता है, जिससे इसकी मांग कम हो सकती है।
3. फेड द्वारा दरों में कटौती में देरी
अगर अमेरिकी केंद्रीय बैंक यानी फेडरल रिजर्व महंगाई (Inflation) को कंट्रोल में लाने के लिए ब्याज दरें ऊंची बनाए रखता है, तो सोने की चमक थोड़ी कम हो सकती है। दरें ऊंची रहने से डॉलर और बॉन्ड में निवेश का रुझान बढ़ेगा।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह?
अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह समय सावधानी से कदम उठाने का है। जानकारों का मानना है कि अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं तो सोना एक सुरक्षित ऑप्शन हो सकता है। लेकिन छोटे समय के निवेशक बाजार की चाल और वैश्विक घटनाओं पर नजर रखें क्योंकि आने वाले समय में इसमें उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी।