यूसीसी की शर्तें नहीं मानी तो शादी हो जाएगी इनवैलिड, लेकिन बच्चों को मिलेंगे पूरे अधिकार Uniform Civil Code

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Uniform Civil Code: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024 लागू करने की घोषणा की है. यह अधिनियम विवाह के कानूनी दायरे को स्पष्ट करते हुए समाज में एकरूपता लाने की दिशा में बड़ा कदम है. इसके तहत विवाह संबंधी कई नए प्रावधान किए गए हैं, जो विवाह के समय दोनों पक्षों के अधिकारों और कर्तव्यों को सुनिश्चित करेंगे.

विवाह की बुनियादी शर्तें होंगी अनिवार्य

अधिनियम के तहत विवाह के लिए कुछ मुख्य शर्तों को अनिवार्य कर दिया गया है. इनमें आयु, मानसिक क्षमता और जीवित जीवनसाथी का न होना शामिल है. इन शर्तों का पालन न करने पर विवाह अमान्य घोषित किया जा सकता है. इसके अलावा, विवाह के समय वैध सहमति का होना भी आवश्यक है. यदि किसी पक्षकार की ओर से वैध सहमति नहीं दी गई है, तो विवाह को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.

परंपरागत रीति-रिवाजों का सम्मान

समान नागरिक संहिता अधिनियम पारंपरिक रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए उन्हें यथावत बनाए रखता है. अधिनियम में सप्तपदी, निकाह, आनंद कारज, विशेष विवाह अधिनियम और अन्य धार्मिक प्रथाओं को मान्यता दी गई है. इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना है. इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया है कि विवाह के बुनियादी कानूनी मानकों का पालन हर स्थिति में हो.

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विवाह अमान्य होने की स्थिति में भी बच्चों के अधिकार सुरक्षित

अधिनियम की एक बड़ी विशेषता यह है कि यदि किसी कारण से विवाह अमान्य या रद्द घोषित कर दिया जाता है, तो भी उस विवाह से जन्मे बच्चों को वैध माना जाएगा. यह प्रविधान बच्चों के कानूनी अधिकारों और उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देता है. इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि बच्चों को उनके माता-पिता की वैवाहिक स्थिति का खामियाजा न भुगतना पड़े.

राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति

समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024 को राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति दे दी है. इसकी नियमावली को अंतिम रूप देकर प्रदेश में लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है. यह अधिनियम राज्य में पारिवारिक विवादों को कम करने और विवाह के कानूनी पहलुओं को स्पष्टता प्रदान करने में मदद करेगा.

सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा

अधिनियम का मुख्य उद्देश्य राज्यवासियों के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना है. इसके जरिए विवाह के कानूनी मानकों को मजबूत करते हुए सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया गया है. यह कदम समाज में एकरूपता और न्याय की भावना को बढ़ावा देगा.

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विवाह के कानूनी प्रावधानों की स्पष्टता

अधिनियम में विवाह के कानूनी मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है. इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि विवाह के दौरान या बाद में किसी भी पक्ष के अधिकारों का उल्लंघन न हो. इसके साथ ही यह अधिनियम परिवार कल्याण और समाज की समग्र भलाई के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है.

परिवार कल्याण के प्रति अधिनियम की संवेदनशीलता

समान नागरिक संहिता में परिवार कल्याण को विशेष महत्व दिया गया है. विवाह के समय और बाद में उत्पन्न होने वाले विवादों को कम करने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह अधिनियम बेहद संवेदनशीलता के साथ बनाया गया है.

राज्य में सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024 राज्य में सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है. यह समाज में एकरूपता और समता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है. यह न केवल विवाह संबंधी कानूनी स्पष्टता प्रदान करेगा, बल्कि राज्य के सभी नागरिकों के बीच समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देगा.

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