Home Loan: भारत में हर मिडिल क्लास और सैलरीड व्यक्ति का सबसे बड़ा सपना होता है, खुद का एक घर होना। यह सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि एक इमोशनल अटैचमेंट और जिंदगी भर की मेहनत का फल होता है। लेकिन जब इस सपने को हकीकत में बदलने की बारी आती है, तो अक्सर जेब छोटी पड़ जाती है।
खासकर मिडिल क्लास व्यक्ति के लिए, जहां महंगाई और खर्चों के बीच बचत करना ही मुश्किल होता है। ऐसे में होम लोन (home loan in affordable price) एक मजबूत सहारा बनता है। होम लोन से जरूरत के मुताबिक रकम मिल जाती है, जिसे आप आसान किश्तों (EMI) में चुका सकते हैं। लेकिन होम लोन लेने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि यह सपना बाद में बोझ न बन जाए।
होम लोन से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करें
होम लोन लेने से पहले सबसे पहला कदम है, अपनी इनकम और खर्चों का सही आकलन करना। आपको देखना होगा कि आपकी महीने की कुल आमदनी कितनी है, उसमें से कितना हिस्सा खर्चों में जाता है और आपके पास कितनी बचत बचती है। इसके अलावा यह भी देखें कि क्या आपके ऊपर पहले से कोई दूसरा कर्ज (personal loan, car loan आदि) है या नहीं।
अगर आप बिना हिसाब-किताब के होम लोन ले लेंगे, तो बाद में ईएमआई चुकाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। आपको यह तय करना होगा कि आपकी इनकम के हिसाब से कितनी ईएमआई आपके लिए कंफर्टेबल रहेगी। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आपकी कुल इनकम का 40% से ज्यादा हिस्सा EMI में नहीं जाना चाहिए। इसलिए सोच-समझकर ही लोन की राशि तय करें और उतना ही लोन लें, जिसकी आपको वास्तव में जरूरत है। साथ ही, यह भी तय करें कि आप किस अवधि (tenure) के लिए लोन लेना चाहते हैं।
सभी बैंकों के लोन ऑफर की तुलना करें
आजकल हर बैंक और फाइनेंस कंपनियां होम लोन देने के लिए तरह-तरह के ऑफर देती हैं। लेकिन हर लोन ऑफर आपके लिए सही नहीं होता। आपको ब्याज दर (interest rate), लोन राशि (loan amount), लोन अवधि (loan tenure), प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्ज और LTV (Loan to Value) रेश्यो जैसी चीजों की अच्छे से तुलना करनी चाहिए।
सिर्फ सस्ती ब्याज दर देखकर ही लोन लेना समझदारी नहीं है। आपको देखना होगा कि बाकी शर्तें क्या हैं। कई बार कम ब्याज दर वाले लोन में प्रोसेसिंग फीस या प्री-पेमेंट चार्ज ज्यादा हो सकते हैं। इसलिए हमेशा पूरा ऑफर समझें और जो बैंक या संस्था आपके लिए सबसे सुविधाजनक हो, उसी से लोन लें।
साथ ही, अपना क्रेडिट स्कोर (CIBIL score) जरूर चेक करें। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है (750 या उससे ऊपर), तो आपको लोन पर कम ब्याज दर मिल सकती है। इसलिए अगर स्कोर कम है, तो पहले उसे सुधारें और फिर लोन के लिए अप्लाई करें। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपके लोन अप्रूवल के चांस भी बढ़ाता है।
लोन का टेन्योर ज्यादा लंबा न रखें
अक्सर लोग सोचते हैं कि लंबा टेन्योर यानी छोटी EMI और यह आसान विकल्प है। लेकिन लंबी अवधि का मतलब है कि आप ब्याज में बैंक को ज्यादा पैसा देंगे। अगर आप 20 से 25 साल के लिए लोन लेते हैं, तो आपकी कुल EMI का बड़ा हिस्सा ब्याज में ही चला जाएगा। इसलिए कोशिश करें कि लोन का टेन्योर कम से कम रखें। हालांकि, टेन्योर बहुत कम करने से EMI ज्यादा हो जाएगी, इसलिए एक बैलेंस बनाएं।
मसलन, अगर आप 20 साल की बजाय 15 साल के लिए लोन लेते हैं, तो आपकी EMI भले ही थोड़ी ज्यादा होगी, लेकिन कुल ब्याज कम देना होगा। साथ ही, लोन लेते समय कोशिश करें कि आप कम से कम 20% डाउन पेमेंट दें। इससे लोन की राशि कम हो जाएगी और आप जल्दी लोन खत्म कर पाएंगे।
लोन का बीमा लेना जरूरी
अक्सर लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि होम लोन लंबी अवधि का कर्ज है और जिंदगी में अनिश्चितताएं हो सकती हैं। अगर लोन चुकाने के दौरान आपकी या परिवार के कमाने वाले सदस्य की मौत या कोई गंभीर दुर्घटना हो जाए, तो लोन की जिम्मेदारी आपके परिवार पर आ जाएगी। इससे परिवार पर आर्थिक बोझ आ सकता है।
इसलिए जरूरी है कि आप होम लोन के साथ लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस या टर्म इंश्योरेंस जरूर लें। आजकल कई बैंक खुद भी लोन के साथ इंश्योरेंस ऑफर करते हैं। इसका फायदा यह होगा कि किसी भी अनहोनी की स्थिति में बीमा कंपनी आपके बचे हुए लोन का भुगतान कर देगी और आपके परिवार पर इसका बोझ नहीं पड़ेगा।
लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें
लोन लेने से पहले जब आप बैंक के साथ एग्रीमेंट साइन करते हैं, तो उसे बिना पढ़े कभी भी साइन न करें। बहुत से लोग बिना पढ़े ही जल्दी में कागजों पर साइन कर देते हैं और बाद में शर्तों को लेकर परेशान होते हैं। एग्रीमेंट में सभी जरूरी बातें जैसे ब्याज दर, टेन्योर, प्री-पेमेंट पेनल्टी, लेट फीस, EMI में डिफॉल्ट करने पर बैंक की कार्रवाई आदि सब कुछ लिखा होता है।
अगर आपको कोई शर्त समझ नहीं आती है, तो बैंक से पूरी जानकारी लें या किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें। कई बार कुछ बारीक बातें होती हैं, जिनकी वजह से बाद में आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
समय से पहले लोन चुकाने की स्ट्रेटजी बनाएं
होम लोन लेने के बाद आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप समय-समय पर प्री-पेमेंट (loan prepayment) करें। यानी अगर आपके पास एक्स्ट्रा पैसा है, तो समय से पहले लोन की कुछ किस्तें चुका दें। इससे आपकी लोन की अवधि और ब्याज दोनों में कमी आएगी। लेकिन ध्यान रखें कि कई बैंक प्री-पेमेंट पर पेनल्टी लगाते हैं। इसलिए लोन लेने से पहले यह शर्त जरूर देख लें कि क्या बैंक बिना चार्ज लिए प्री-पेमेंट की सुविधा देता है या नहीं।
अगर आपके पास बोनस, फेस्टिवल बोनस या किसी और सोर्स से पैसा आता है, तो उसे खर्च करने की बजाय लोन में लगाएं। इससे आपके लोन की लागत (loan cost) में अच्छी खासी बचत हो सकती है।