Land Price Hike: हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रियल एस्टेट सेक्टर में एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत 1 जनवरी 2025 से EDC में 20% की वृद्धि की जाएगी। इसके बाद, हर साल 10% की बढ़ोतरी होगी। इस कदम से प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल आने की संभावना है, जिससे जमीन खरीदने वालों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं।
2. क्या है एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (EDC)?
एक्सटरनल डेवलपमेंट चार्ज (EDC) वह शुल्क होता है, जिसे रियल एस्टेट डेवलपर्स से उन बाहरी सुविधाओं के निर्माण के लिए लिया जाता है, जो किसी हाउसिंग प्रोजेक्ट या कमर्शियल प्रोजेक्ट के बाहर होते हैं। इसमें सड़कें, पानी की पाइपलाइन, सीवेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट्स, नालियां और अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल होती हैं। सरकार इन सुविधाओं के लिए डेवलपर्स से पैसा लेती है और इस चार्ज का उपयोग इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए किया जाता है।
3. कैसे प्रभावित होंगे घर खरीदार और इन्वेस्टर?
EDC में बढ़ोतरी का सीधा असर रियल एस्टेट की कीमतों पर पड़ेगा। जब डेवलपर्स को ज्यादा फीस देनी होगी, तो वे इस एक्स्ट्रा खर्च को घर खरीदारों से वसूलेंगे, जिससे प्रॉपर्टी महंगी हो सकती है। इसका असर उन इन्वेस्टरों पर भी पड़ेगा, जो हरियाणा के विभिन्न शहरों में जमीन खरीदकर उसमें निवेश करते हैं।
4. हरियाणा में किन इलाकों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत और करनाल जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में इस फैसले का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। ये इलाके पहले से ही महंगे हैं और अब EDC बढ़ने के कारण यहां की प्रॉपर्टी दरों में और इजाफा हो सकता है।
5. सरकार को कैसे मिलेगा फायदा?
सरकार द्वारा EDC बढ़ाने का एक मुख्य कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है। इस फैसले से सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा, जिसे सड़कों, ब्रिज, फ्लाईओवर और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण में लगाया जाएगा। इससे हरियाणा में शहरी विकास तेज़ी से होगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
6. रियल एस्टेट डेवलपर्स के रिएक्शन
रियल एस्टेट डेवलपर्स इस फैसले को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि EDC में बढ़ोतरी से नए प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ेगी और इससे रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी आ सकती है। कुछ डेवलपर्स का कहना है कि पहले से ही महंगे निर्माण लागत के बीच यह एक्स्ट्रा चार्ज इन्वेस्टरों और खरीदारों पर दबाव बढ़ाएगा।
7. होम लोन लेने वालों पर क्या होगा असर?
घर खरीदने वालों को होम लोन लेना पड़ता है और यदि प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ती हैं, तो लोन की राशि भी बढ़ेगी। इससे ब्याज दरों का बोझ भी बढ़ सकता है। यदि कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने की सोच रहा था, तो बढ़ी हुई कीमतों के कारण अब उसे 55 से 60 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
8. क्या हरियाणा में किरायों पर भी असर पड़ेगा?
रियल एस्टेट कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर किरायों पर भी पड़ सकता है। जब प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ती हैं, तो मकान मालिक ज्यादा किराया वसूलने की कोशिश करेंगे, जिससे किरायेदारों को महंगे किराए चुकाने पड़ सकते हैं। खासकर गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे इलाकों में इसका सीधा असर दिखेगा।
9. क्या इन्वेस्टरों के लिए हरियाणा अब भी फायदे का सौदा रहेगा?
हालांकि EDC में बढ़ोतरी से प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ेंगी, लेकिन हरियाणा में निवेश करना अब भी एक अच्छा ऑप्शन रहेगा। क्योंकि यहां पर लगातार इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार हो रहा है और आने वाले सालों में बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाओं के कारण यहां इन्वेस्टरों को फायदा हो सकता है।
10. क्या सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए?
रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और डेवलपर्स के साथ बैठक कर एक अच्छा समाधान निकालना चाहिए। यदि EDC को अचानक बढ़ाने की बजाय चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए, तो यह खरीदारों और इन्वेस्टरों दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
11. हरियाणा के लोगों के लिए यह फैसला कितना फायदेमंद?
इस फैसले के दो पहलू हैं—एक तरफ जहां लोगों को महंगी प्रॉपर्टी खरीदनी पड़ेगी, वहीं दूसरी ओर राज्य में आधुनिक सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा। यानी, यदि लोग ज्यादा कीमत देकर घर खरीदते हैं, तो उन्हें भविष्य में बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।