Mustard Purchase: हरियाणा सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरसों की सरकारी खरीद शनिवार, 15 मार्च से शुरू कर दी है। इस साल बल्लभगढ़ अनाज मंडी को जिले की एकमात्र सरकारी खरीद केंद्र बनाया गया है, जहां किसानों की उपज का समर्थन मूल्य पर खरीद किया जाएगा। सरकार के इस कदम से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलने की उम्मीद है।
सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय
इस साल सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य (Minimum Support Price – MSP) 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सरकार ने सरसों के समर्थन मूल्य में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। 2023 में सरसों का सरकारी समर्थन मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल था। किसानों को इस फैसले से राहत मिलेगी क्योंकि सरसों की लागत बढ़ने के बावजूद उन्हें बेहतर दाम मिल सकेगा।
इस साल जिले में 1101 एकड़ भूमि में हुई सरसों की खेती
सरसों की खेती इस साल जिले में 1101 एकड़ भूमि में की गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार किसानों ने अधिक क्षेत्र में सरसों की बिजाई की है। सरसों की अच्छी पैदावार को देखते हुए किसानों को उम्मीद है कि उन्हें इस बार अधिक मुनाफा मिलेगा।
सरकार ने तय किया 12000 क्विंटल सरसों खरीदने का लक्ष्य
सरकार ने इस साल सरसों की सरकारी खरीद का लक्ष्य 12000 क्विंटल रखा है। इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सरकार ने हैफेड (HAFED) एजेंसी को अधिकृत किया है। पिछले साल सरकारी एजेंसी ने 8000 क्विंटल सरसों खरीदी थी, जबकि निजी व्यापारियों ने भी करीब 15000 क्विंटल सरसों की खरीदारी की थी।
बल्लभगढ़ मंडी में खरीदारी की तैयारियां पूरी
बल्लभगढ़ मार्केट कमेटी के सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी इंद्रपाल सिंह ने बताया कि मंडी में सरसों की सरकारी खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को अच्छी तरह सुखाकर और साफ करके मंडी में लेकर आएं, ताकि एजेंसी को खरीदारी में किसी तरह की दिक्कत न हो।
किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपनी फसल को लाइन में लगाकर मंडी में लाएं ताकि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
सरसों की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता
सरसों की सरकारी खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और किसानों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। समर्थन मूल्य पर खरीदी गई फसल का भुगतान किसानों के बैंक खातों में सीधा किया जाएगा। इससे किसानों को दलालों के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ेगा और उन्हें उनकी उपज की सही कीमत मिलेगी।
निजी व्यापारी देंगे टक्कर
पिछले साल की तुलना में इस बार सरसों के बाजार भाव को लेकर किसान और व्यापारी दोनों उत्सुक हैं। पिछले साल निजी व्यापारियों ने 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक सरसों खरीदी थी, जो सरकारी समर्थन मूल्य से अधिक था। अब देखना होगा कि इस बार बाजार में किस तरह के भाव देखने को मिलते हैं और क्या निजी व्यापारी सरकारी एजेंसियों से अधिक दाम देकर सरसों खरीदते हैं या नहीं।
सरसों खरीद के लिए जरूरी दस्तावेज और प्रक्रिया
सरसों की सरकारी खरीद के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होगी, जिनमें शामिल हैं:
- आधार कार्ड – पहचान प्रमाण के रूप में
- खसरा/जमाबंदी की कॉपी – भूमि स्वामित्व की पुष्टि के लिए
- बैंक पासबुक की कॉपी – भुगतान सीधे बैंक में ट्रांसफर के लिए
- फसल पंजीकरण प्रमाण पत्र – जिससे यह प्रमाणित हो कि किसान ने फसल उगाई है