छत्तीसगढ़ से झारखंड का सफर होगा आरामदायक, खुशखबरी को सुनकर झूम उठे लोग National Highway

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National Highway: छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच सफर करने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अंबिकापुर-रामानुजगंज नैशनल हाइवै के सुधार और चौड़ीकरण की योजना पर तेजी से काम शुरू हो चुका है। इस परियोजना के पूरे होते ही छत्तीसगढ़ से झारखंड पहुंचना आसान और कम समय का हो जाएगा। सड़क की खराब स्थिति से परेशान यात्रियों और व्यापारियों को अब जल्द ही राहत मिलने वाली है।

सरकार ने इस मार्ग को बेहतर बनाने के लिए स्पेशल बजट भी जारी कर दिया है। इस परियोजना से न केवल दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास में भी बड़ा योगदान मिलेगा।

खराब सड़कों से हो रही थी परेशानी

अंबिकापुर-रामानुजगंज नैशनल हाइवै की वर्तमान स्थिति काफी खराब रही है। लंबे समय से इस मार्ग पर सड़क की हालत जर्जर थी, जिससे यात्रा में समय अधिक लग रहा था और दुर्घटनाओं का भी खतरा बना रहता था।

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क्षेत्र के स्थानीय लोगों और व्यापारियों का कहना है कि गड्ढों और उबड़-खाबड़ सड़कों की वजह से वाहनों को भारी नुकसान हो रहा था। आए दिन जाम लगना और वाहन खराब होना यहां आम समस्या बन गई थी।

केंद्र सरकार ने दी परियोजना को मंजूरी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस मार्ग के सुधार और चौड़ीकरण के लिए विशेष परियोजना को हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना में तीन प्रमुख चरणों में काम किया जाएगा, जिसमें सड़क चौड़ीकरण, बाइपास निर्माण और नई कनेक्टिविटी शामिल है।

परियोजना में शामिल अधिकारी बताते हैं कि इस मार्ग को दो लेन से चार लेन में बदला जाएगा। साथ ही, सड़क किनारे आवश्यक संरचनाओं जैसे पुल, पुलियों और विश्राम स्थलों का भी निर्माण किया जाएगा।

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परियोजना की प्रमुख बातें

  1. अंबिकापुर से रामानुजगंज तक की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है। इसके लिए तीन अलग-अलग कंपनियों से कान्ट्रैक्ट की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
  2. इस मार्ग पर बाइपास निर्माण के साथ-साथ सड़क को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा।
  3. अंबिकापुर के महावीरपुर से रजपुरी खुर्द तक 13.7 किलोमीटर लंबे बाइपास के लिए 144 करोड़ रुपये की प्रशासकीय मंजूरी दी गई है।
  4. रजपुरी खुर्द से पाढ़ी तक 49 किलोमीटर के हिस्से के लिए 397 करोड़ रुपये और बड़कीम्हरी से रामानुजगंज तक 29.4 किलोमीटर के हिस्से के लिए 199 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।

सड़क चौड़ीकरण से यात्रियों को राहत

अंबिकापुर-रामानुजगंज नैशनल हाइवै को दो लेन से चार लेन में चौड़ा किया जाएगा। इससे यातायात की रफ्तार में सुधार होगा और जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।

चार लेन होने से दोनों राज्यों के बीच सफर करने वाले यात्रियों को न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि वाहन चलाना भी सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगा।

सुरक्षा मानकों का रखा जाएगा पूरा ध्यान

नई सड़क के निर्माण में आधुनिक सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा। इसमें डिवाइडर, स्पीड ब्रेकर, संकेतक बोर्ड और सिग्नलिंग सिस्टम लगाए जाएंगे ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को कम किया जा सके।

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इसके अलावा पुलों और पुलियों का निर्माण भी किया जाएगा ताकि बरसात के मौसम में सड़क बाधित न हो। मानसून में जलभराव और सड़क टूटने की समस्याओं से भी यात्रियों को निजात मिलेगी।

सड़क किनारे विकसित होंगी सुविधाएं

यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस नैशनल हाइवै पर विश्राम स्थल, फूड कोर्ट, शौचालय और पार्किंग जोन भी बनाए जाएंगे।

लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों को अब खाने-पीने और आराम करने के लिए सुरक्षित और साफ-सुथरी जगह मिलेगी। साथ ही रोड साइड दुकानदारों और छोटे व्यापारियों को भी इससे रोजगार मिलेगा।

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आर्थिक और सामाजिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना के पूरा होते ही छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच कृषि उत्पादों, औद्योगिक सामानों और अन्य व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। किसान आसानी से अपने उत्पादों को दूसरे राज्यों में भेज पाएंगे और उन्हें बेहतर दाम मिल सकेंगे।

साथ ही, बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रामानुजगंज और अंबिकापुर क्षेत्र में धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।

रोजगार के नए अवसर मिलेंगे

इस परियोजना से निर्माण कार्यों में स्थानीय मजदूरों और इंजीनियरों को रोजगार मिलेगा। सड़क किनारे बनने वाली दुकानों, होटलों और ढाबों में भी स्थानीय लोगों को काम मिलेगा।

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वहीं, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंप और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी सेवाओं में भी कई लोगों को नए रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।

कब तक पूरी होगी परियोजना?

सरकार ने इस परियोजना को तय समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एक खास निगरानी टीम बनाई गई है जो काम की कवालिटी और प्रोग्रेस पर नजर रखेगी।

उम्मीद है कि सभी चरणों में काम अगले 2 वर्षों में पूरा हो जाएगा। इससे पहले ही कई चरणों में पेड़ कटाई और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

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