New Expressway: बिहार के रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट तक 719 किलोमीटर लंबा छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि नेपाल तक का सफर भी सुगम हो जाएगा। लगभग 60,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित किया जाएगा।
नेपाल और भारत के बीच व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्सप्रेसवे नेपाल और भारत के बीच व्यापारिक गतिविधियों को मजबूती देगा। रक्सौल नेपाल के बिरगंज से सटा हुआ इलाका है, जो नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से नेपाल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया बंदरगाह तक व्यापारिक माल की ढुलाई तेज और आसान होगी। इसके अलावा, बिहार और झारखंड के व्यापारियों को भी निर्यात और आयात में फायदा होगा।
यात्रा होगी तेज और सुविधाजनक
इस सड़क के निर्माण से पटना और कोलकाता के बीच की दूरी कम हो जाएगी और यात्रा मात्र तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। अभी पटना से कोलकाता जाने में छह से सात घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह सफर आसान और सुगम हो जाएगा।
- नेपाल से कोलकाता की यात्रा भी आसान होगी, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
- देवघर, दुमका और जमुई के लोगों को सीधे कोलकाता और पटना जाने में सुविधा मिलेगी।
- यह हाईवे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई जिलों को जोड़ते हुए आगे बढ़ेगा, जिससे लोगों को बेहतर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।
डीपीआर तैयार, मंजूरी के बाद जल्द होगा निर्माण कार्य शुरू
इस प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली गई है और इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा, जिसके बाद एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा।
देवघर और दुमका के विकास को मिलेगी रफ्तार
इस एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा देवघर और दुमका जिले से होकर गुजरेगा। देवघर में 65 किमी और दुमका में 50 किमी का एक्सप्रेसवे बनेगा, जिससे इन इलाकों का तेजी से विकास होगा। देवघर झारखंड का धार्मिक और पर्यटन केंद्र है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम के दर्शन करने आते हैं। इस हाईवे के बनने से यहां की यात्रा और भी आसान हो जाएगी।
- देवघर, दुमका, और जमुई को पहली बार हाई-स्पीड रोड नेटवर्क मिलेगा।
- पर्यटन क्षेत्र में तेजी आएगी और स्थानीय व्यापारियों को फायदा होगा।
- दुमका और देवघर के निवासियों को तेज कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा।
बेगूसराय और सूर्यगढ़ा के बीच गंगा नदी पर बनेगा पुल
इस हाईवे के निर्माण के दौरान कई बड़े पुल भी बनाए जाएंगे, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण गंगा नदी पर बेगूसराय और सूर्यगढ़ा को जोड़ने वाला पुल होगा।
- यह पुल बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को जोड़ेगा।
- इससे बिहार के औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा।
- पटना और देवघर के बीच की दूरी कम होगी और परिवहन तेज होगा।
औद्योगिक विकास और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्सप्रेसवे केवल यात्रा को आसान ही नहीं बनाएगा, बल्कि इसके कारण बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
- नई फैक्ट्रियां और उद्योग स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी।
- युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स का व्यवसाय तेजी से बढ़ेगा।
- बिहार और झारखंड के औद्योगिक क्षेत्र को कोलकाता पोर्ट से जोड़ा जाएगा, जिससे निर्यात आसान होगा।
कौन-कौन से जिले होंगे फायदेमंद?
यह एक्सप्रेसवे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई जिलों से होकर गुजरेगा। इन जिलों के निवासियों को व्यापार और यात्रा में बड़ा फायदा मिलेगा।
बिहार में जिले:
- पूर्वी चंपारण, शिवहर, समस्तीपुर, बेगूसराय, सूर्यगढ़ा, जमुई, मल्लेपुर, बांका और कटोरिया
झारखंड में जिले:
- देवघर (मोहनपुर, घोरमारा, सोनारायठाढ़ी, पालोजोरी) और दुमका (सरैयाहाट, नोनीहाट, दुमका शहर, कुंडहीत)
पश्चिम बंगाल में जिले:
- बोलपुर, आरामबाग, राजहट्टी, पूर्वी मेदिनीपुर और हल्दिया पोर्ट