बेमौसम बारिश से नुकसान का किसानों को मिलेगा मुआवजा, ट्रांसफर होगी 291 करोड़ की मुआवजा राशि Fasal Nuksan Muavza

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Fasal Nuksan Muavza: दिसंबर 2024 में हुई बेमौसमी बारिश ने देश के कई राज्यों में किसानों की फसलों को गहरा नुकसान पहुंचाया. हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और ओडिशा जैसे राज्यों में रबी की फसलें प्रभावित हुईं. किसानों की परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकारों ने तत्काल राहत देने के उपाय शुरू किए हैं. विशेष रूप से ओडिशा सरकार ने बेमौसमी बारिश (Fasal Nuksan Muavza) को प्राकृतिक आपदा घोषित कर किसानों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से मुआवजा देने का फैसला किया है.

ओडिशा सरकार का बड़ा फैसला

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घोषणा की है कि बेमौसमी बारिश (Fasal Nuksan Muavza) अब राज्य की प्राकृतिक आपदा सूची में शामिल होगी. यह घोषणा किसानों के नुकसान को प्राथमिकता देने और उन्हें मुआवजा प्रदान करने के लिए की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा “इस कदम से प्रभावित किसानों को राहत राशि प्राप्त करने में आसानी होगी.”
यह घोषणा कृषि ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 (Krishi Odisha Conclave 2025) में की गई. जहां किसानों की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा हुई.

33% या अधिक फसल नुकसान पर मिलेगा मुआवजा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों की फसलों को 33% या उससे अधिक (Fasal Nuksan Muavza) नुकसान हुआ है. उन्हें प्रावधानित राहत राशि प्रदान की जाएगी.

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  • फसल नुकसान रिपोर्ट: 20 से 28 दिसंबर 2024 के बीच हुई बारिश के कारण 6,66,720 किसानों ने फसल नुकसान की रिपोर्ट की है.
  • मुआवजा राशि: राज्य सरकार इन किसानों को ₹291.50 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.
  • प्रभावित किसानों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से मुआवजा सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा.

बेमौसमी बारिश से 2.26 लाख हेक्टेयर भूमि प्रभावित

राज्य सरकार के सर्वेक्षण में यह पाया गया कि बेमौसमी बारिश के कारण 2,26,791 हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है. विशेष रूप से नकदी फसलों जैसे कपास, सुपारी और सब्जी उत्पादकों को भारी नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन किसानों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे फिर से खेती शुरू कर सकें.

मुख्यमंत्री किसान योजना से मिल रही मदद

ओडिशा सरकार ने किसानों की भलाई के लिए मुख्यमंत्री किसान योजना (Mukhyamantri Kisan Yojana) शुरू की है.

  • करीब 16 लाख किसानों को अब तक ₹925 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है.
  • राज्य सरकार धान की खरीद ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से करेगी.
  • किसानों को ₹800 प्रति हेक्टेयर इनपुट सब्सिडी दी जाएगी.

फसल नुकसान का सर्वे और राहत कार्य

राज्य के मुख्यमंत्री और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ने गजपति और गंजम जिलों का दौरा कर किसानों की समस्याओं का आकलन किया.

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  • किसानों से सीधा संवाद किया गया.
  • अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द किसानों को राहत राशि वितरित की जाए.
  • नकदी फसलें उगाने वाले किसानों को विशेष सहायता प्रदान की जाएगी.

किसानों के लिए अतिरिक्त योजनाएं

राज्य सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.

  • सिंचाई की सुविधाएं.
  • कोल्ड स्टोरेज और गोदाम निर्माण.
  • कृषि यंत्रों (Agricultural Machinery) की खरीद पर विशेष प्रोत्साहन.
  • मॉडल बाजार की स्थापना.

नकदी फसलों को बढ़ावा देने की योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सब्जी उत्पादकों और नकदी फसलें उगाने वाले किसानों को भी प्रोत्साहन देगी. इसके लिए इनपुट सब्सिडी, बीज, उर्वरक और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.

किसानों के लिए राहत का एक सकारात्मक कदम

ओडिशा सरकार का यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत है. बेमौसमी बारिश के कारण नुकसान झेल रहे किसानों को मुआवजा और अन्य सहायता मिलने से वे फिर से अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर पाएंगे. सरकार द्वारा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की यह पहल न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करेगी. बल्कि कृषि क्षेत्र को भी मजबूती प्रदान करेगी.

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