Health Pension: हरियाणा सरकार ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने लाई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने घोषणा की है कि इन बीमारियों से पीड़ित लोगों को दी जाने वाली पेंशन के लिए आयु सीमा को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब किसी भी उम्र के मरीज इस पेंशन योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह फैसला थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से ग्रस्त लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को मिलेगी पेंशन
स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने बताया कि थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को अब हर महीने 3 हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन किसी भी अन्य पेंशन योजना के अलावा होगी, यानी अगर कोई मरीज पहले से किसी अन्य पेंशन योजना का लाभ उठा रहा है, तो वह इस योजना का भी लाभ ले सकता है। इस पेंशन का लाभ उन परिवारों को दिया जाएगा, जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपये से कम है।
पेंशन योजना को मिली मंजूरी
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों को पेंशन देने का फैसला लिया था, लेकिन इसकी अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी थी। अब सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम- 2016” में संशोधन करके इस योजना को मंजूरी दे दी है।
इस बदलाव के बाद अब थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को पेंशन का लाभ मिल सकेगा। यह फैसला राज्य सरकार की उन लोगों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो गंभीर बीमारियों के साथ जीवन जी रहे हैं।
हरियाणा में कितने मरीजों को मिलेगा लाभ?
हरियाणा में थैलेसीमिया के 1300 और हीमोफीलिया के 783 मरीज हैं। इन सभी 2083 रोगियों को सालाना कुल साढ़े 7 करोड़ रुपये की पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन मरीजों के जीवन को आसान बनाने और उनकी आर्थिक मदद करने के लिए शुरू की गई है।
हालांकि, इस पेंशन का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं। पेंशन पाने वाला मरीज हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए और कम से कम 3 साल से राज्य में रह रहा हो। इसके अलावा, मरीज की सालाना आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
थैलेसीमिया और हीमोफीलिया क्या हैं?
थैलेसीमिया और हीमोफीलिया दोनों ही गंभीर आनुवंशिक बीमारियां हैं, जो जीवनभर रहती हैं।
- थैलेसीमिया: यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा, उन्हें कई तरह की दवाइयां भी लेनी पड़ती हैं, जिससे उनका इलाज महंगा हो जाता है।
- हीमोफीलिया: यह बीमारी खून के जमने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को चोट लगने पर खून का बहना बंद नहीं होता, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है। इस बीमारी का इलाज भी काफी महंगा है।
इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों को न केवल शारीरिक, बल्कि आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। हरियाणा सरकार की यह पेंशन योजना उनकी इन समस्याओं को कम करने में मददगार साबित होगी।
पेंशन योजना का लाभ कैसे उठाएं?
अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य थैलेसीमिया या हीमोफीलिया से पीड़ित है, तो आप इस पेंशन योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- आवेदन करें: पेंशन का लाभ उठाने के लिए आपको सरकारी पोर्टल या नजदीकी सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय में आवेदन करना होगा।
- दस्तावेज जमा करें: आवेदन के साथ आपको अपने रोग से संबंधित मेडिकल दस्तावेज, आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जमा करने होंगे।
- पेंशन की स्वीकृति: आवेदन की जांच के बाद यदि आप सभी शर्तों को पूरा करते हैं, तो आपको पेंशन की स्वीकृति मिल जाएगी।