Private School: हरियाणा सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा का नया द्वार खोल दिया है। सरकार ने ‘चिराग योजना’ (Chirag Yojana Haryana) के तहत ऐसे परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क (Free Education) पढ़ाई कराने का फैसला लिया है।
यह योजना उन बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो संसाधनों की कमी के कारण बेहतर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों के अलावा भी गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिले और वे भी कवालिटी युक्त शिक्षा प्राप्त कर सकें।
क्या है चिराग योजना और कैसे मिलेगा लाभ?
चिराग योजना (Chirag Yojana) हरियाणा सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके तहत राज्य में रहने वाले उन परिवारों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दाखिला मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये या उससे कम है। इस योजना में सरकार बच्चों की स्कूल फीस से लेकर अन्य शैक्षणिक खर्च जैसे किताबें, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी आदि का भी खर्च वहन करेगी।
सरकार ने यह कदम कमजोर तबके के बच्चों को भी उन सुविधाओं और माहौल में पढ़ाई कराने के लिए उठाया है, जो अब तक प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले अन्य छात्रों को मिलता रहा है।
कैसे करें अप्लाई?
इस योजना का लाभ पाने के लिए इच्छुक अभिभावकों को 15 मार्च से 31 मार्च तक आवेदन करना होगा। आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के लोग आसानी से इसमें हिस्सा ले सकें।
ऑनलाइन आवेदन के लिए सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट पर एक पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा जहां से माता-पिता फॉर्म भर सकते हैं। वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए नजदीकी बीईओ (BEO) ऑफिस या सरकारी स्कूलों से फॉर्म लिया जा सकता है। आवेदन करते समय परिवार पहचान पत्र (PPP) जमा करना अनिवार्य होगा, क्योंकि इसी से परिवार की वार्षिक आय की पुष्टि की जाएगी।
सरकार उठाएगी पूरा खर्च
योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद योग्य बच्चों को 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। सरकार ने यह भी तय किया है कि सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को अपनी खाली सीटों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी ताकि अभिभावक सही स्कूल चुन सकें।
यह योजना सिर्फ बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी पूरी पढ़ाई के दौरान लगने वाले खर्च को भी सरकार वहन करेगी। यानी कि बच्चों की सालाना फीस, किताबें, ड्रेस और अन्य जरूरी सामान का खर्च भी सरकार ही उठाएगी। इससे उन परिवारों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा जो पहले फीस के डर से अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में नहीं भेज पाते थे।
निकलेगा लकी ड्रा
कई बार प्राइवेट स्कूलों में सीटों की संख्या कम होती है और आवेदन करने वाले ज्यादा होते हैं। ऐसे में सभी योग्य बच्चों को मौका देने के लिए सरकार स्कूल आवंटन के लिए ड्रॉ प्रक्रिया अपनाएगी। यानी कि आवेदन करने वाले बच्चों में से लकी ड्रा के जरिए चयन होगा।
ड्रा की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और सरकार ने इसके लिए भी सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। ड्रॉ के बाद जिन बच्चों का चयन होगा, उन्हें 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच स्कूल में दाखिला मिल जाएगा।
कौन-कौन कर सकता है आवेदन?
चिराग योजना का लाभ केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये या उससे कम है। इसके लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बच्चे का हरियाणा का स्थायी निवासी होना जरूरी है।
- आय सीमा: अधिकतम 1 लाख 80 हजार रुपये वार्षिक।
- निवास: हरियाणा का मूल निवासी।
- आवश्यक दस्तावेज: परिवार पहचान पत्र (PPP), बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र (अगर पीपीपी में दर्ज नहीं है)।
क्यों खास है चिराग योजना?
हरियाणा सरकार की यह योजना शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। अब तक आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को या तो सरकारी स्कूल में ही पढ़ना पड़ता था या वे पढ़ाई बीच में छोड़ देते थे। लेकिन अब वे भी प्राइवेट स्कूलों में उसी माहौल और कवालिटी के साथ पढ़ाई कर पाएंगे जैसा अन्य बच्चों को मिलता है।
इससे राज्य में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और कमजोर तबके के बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी। खास बात यह है कि इस योजना में सरकार बच्चों के पूरे स्कूल जीवन का खर्च उठाने का वादा कर रही है।
स्कूलों के लिए भी नए नियम
सरकार ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को यह निर्देश दिया है कि वे अपनी खाली सीटों की सूची समय रहते जारी करें। ताकि अभिभावक अपने नजदीकी या पसंदीदा स्कूल में आवेदन कर सकें। इसके साथ ही स्कूलों को यह भी कहा गया है कि वे चिराग योजना के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न करें और उन्हें समान अवसर दें।
क्या कहती है सरकार?
हरियाणा सरकार का कहना है कि इस योजना के जरिए सरकार राज्य के सभी बच्चों को समान और बेहतर शिक्षा देना चाहती है। सरकार के अनुसार शिक्षा का अधिकार केवल सरकारी स्कूलों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। चिराग योजना के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को भी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिलेगा जिससे वे भी प्रतियोगी परीक्षाओं और करियर में आगे बढ़ सकेंगे।
भविष्य में और कितनी सीटें बढ़ेंगी?
सरकार ने फिलहाल इस योजना के तहत सीटों की संख्या सीमित रखी है, लेकिन भविष्य में इसकी संख्या बढ़ाने की तैयारी भी चल रही है। जैसे-जैसे योजना में लोगों की रुचि और जरूरत बढ़ेगी, वैसे-वैसे अधिक बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार का इरादा है कि आने वाले वर्षों में ज्यादा से ज्यादा गरीब परिवारों के बच्चों को इस योजना से जोड़ा जाए।