14 जनवरी को सरकारी और प्राइवेट स्कूल रहेंगे बंद, सार्वजनिक अवकाश की हुई घोषणा Public Holidays 2025

WhatsApp ग्रुप ज्वाइन करे Join Now

Public Holidays 2025: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है. ठंड का असर खासतौर पर उत्तर प्रदेश (यूपी) में देखा जा रहा है. स्कूल-कॉलेज के बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले लोग भी छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बार 14 जनवरी का दिन खास है. क्योंकि इस दिन मकर संक्रांति और मोहम्मद हजरत अली का जन्मदिवस एक साथ पड़ रहे हैं. यूपी सरकार ने इस अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.

2025 में छुट्टियों पर असर

2025 में 14 छुट्टियां शनिवार और रविवार को पड़ रही हैं. जिससे सरकारी कर्मचारियों को कुछ अतिरिक्त छुट्टियों का लाभ नहीं मिलेगा. यूपी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई पर्व या त्योहार सप्ताहांत पर आता है, तो उसके लिए अलग से छुट्टी नहीं दी जाएगी. यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए थोड़ा निराशाजनक हो सकता है.

मोहम्मद हजरत अली

मोहम्मद हजरत अली (अली इब्न अबी तालिब) इस्लाम धर्म के सबसे प्रमुख और सम्मानित व्यक्तित्वों में से एक हैं. उनका जीवन साहस, निष्ठा और ज्ञान का प्रतीक है.

यह भी पढ़े:
10 Incredibly Valuable Coins The Top 10 Rarest and Most Valuable Coins in the World, Hidden Gems of Numismatic History
  • चौथे खलीफा: हजरत अली इस्लाम के चौथे खलीफा थे और पैगंबर मोहम्मद के दामाद भी.
  • जीवन प्रेरणा: उनका जीवन इस्लामिक इतिहास में अद्वितीय स्थान रखता है.
  • जन्मदिन: इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, 14 जनवरी को हजरत अली का जन्मदिन मनाया जाएगा.

उनकी शिक्षाएं और उनके विचार आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि खगोलीय और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

  • खगोलीय महत्व: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसे सूर्य के उत्तरायण (उत्तर दिशा की ओर गमन) का प्रतीक माना जाता है.
  • फसल कटाई का त्योहार: यह त्योहार नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है.
  • तिल-गुड़ का आदान-प्रदान: इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां खाने और बांटने की परंपरा है, जो मिठास और एकता का प्रतीक है.

मकर संक्रांति का खगोलीय महत्व

मकर संक्रांति खगोलीय दृष्टि से साल का सबसे महत्वपूर्ण दिन है.

यह भी पढ़े:
aaj 22 march 2025 ko sona chandi ka taja bhav ईद से पहले सोने की कीमतों में गिरावट, जाने 24 कैरेट सोने का ताजा भाव Gold Silver Price Today
  • सूर्य का मकर राशि में प्रवेश: इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. जिससे दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं.
  • नई ऊर्जा और सकारात्मकता: इस खगोलीय घटना को नई ऊर्जा, प्रकाश और सकारात्मकता के आगमन के रूप में देखा जाता है.
  • कृषि और प्रकृति: यह त्योहार प्रकृति और कृषि के बीच के संतुलन का प्रतीक है.

मकर संक्रांति का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

मकर संक्रांति के दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से कई महत्वपूर्ण गतिविधियां की जाती हैं.

  • पवित्र नदियों में स्नान: गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है.
  • दान-पुण्य का दिन: इस दिन किए गए दान को सबसे पुण्यदायी माना जाता है.
  • आत्मा की शुद्धि: स्नान और दान को आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है.
  • परंपरागत रीति-रिवाज: लोग पतंग उड़ाने, तिल-गुड़ खाने और धार्मिक अनुष्ठान करने में व्यस्त रहते हैं.

यूपी में मकर संक्रांति और हजरत अली के जन्मदिवस पर उत्सव

उत्तर प्रदेश में 14 जनवरी को मकर संक्रांति और हजरत अली का जन्मदिवस एक साथ मनाया जाएगा.

  • धार्मिक उत्सव: मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना की जाएगी.
  • सामाजिक समरसता: हजरत अली के जन्मदिवस पर उनके जीवन के आदर्शों और शिक्षाओं को याद किया जाएगा.
  • सार्वजनिक अवकाश: यूपी सरकार ने इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. जिससे लोग इन त्योहारों को अच्छे से मना सकें.

ठंड के बीच उत्सव को खास बनाने के सुझाव

सर्दी के इस मौसम में 14 जनवरी को त्योहारों को खास बनाने के लिए आप कुछ खास इंतजाम कर सकते हैं:

यह भी पढ़े:
अप्रैल महीने में रहेगी छुट्टियों की भरमार, इतने दिन स्कूल,कॉलेज और दफ्तर रहेंगे बदन Public Holiday
  • गर्म कपड़ों का ध्यान: ठंड को देखते हुए गर्म कपड़े पहनकर बाहर जाएं.
  • पवित्र स्नान: मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करें.
  • दान करें: गरीब और जरूरतमंदों को तिल-गुड़, कपड़े या खाना दान करें.
  • परिवार के साथ समय बिताएं: इस दिन परिवार के साथ पतंग उड़ाने और स्वादिष्ट पकवान बनाने का आनंद लें.

उत्सव का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

मकर संक्रांति और हजरत अली का जन्मदिवस न केवल धार्मिक त्योहार हैं. बल्कि ये सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का भी प्रतीक हैं.

  • एकता और भाईचारा: ये त्योहार सभी धर्मों और समुदायों को एक साथ जोड़ते हैं.
  • सकारात्मकता का संदेश: ये उत्सव समाज में सकारात्मकता और समरसता का संदेश देते हैं.