Rangpanchami Holiday: मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों, स्कूली छात्रों और आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। प्रदेश के पांच जिलों में 19 मार्च 2025 को रंगपंचमी (Rangpanchami 2025 Holiday) के अवसर पर स्थानीय अवकाश (Local Holiday) घोषित किया गया है। इस अवकाश से सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और कई अन्य सार्वजनिक संस्थानों में कामकाज नहीं होगा। यह फैसला स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया गया है ताकि त्योहार को शांतिपूर्ण और पारंपरिक तरीके से मनाया जा सके।
किन-किन जिलों में घोषित हुआ है अवकाश?
राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जिन पांच जिलों में रंगपंचमी पर अवकाश घोषित किया गया है, वे हैं – रतलाम, उज्जैन, विदिशा, भोपाल और इंदौर। इन जिलों में रंगपंचमी का खास महत्व है और यहां पर हर साल यह त्योहार बड़े धूमधाम और परंपरा के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं किस जिले में क्या व्यवस्था रहेगी।
रतलाम
रतलाम जिले के कलेक्टर राजेश बाथम ने जानकारी दी कि जिले में रंगपंचमी के अवसर पर 19 मार्च को स्थानीय अवकाश रहेगा। यह अवकाश रतलाम शहर के साथ-साथ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों, जावरा और आलोट तहसील में भी लागू होगा। रतलाम में रंगपंचमी का आयोजन बड़े स्तर पर होता है, इसलिए यहां प्रशासन ने लोगों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छुट्टी का फैसला लिया है।
उज्जैन
उज्जैन जिले में भी कलेक्टर नीरज सिंह ने उज्जैन शहर, घटिया, नागदा और बड़नगर तहसील में रंगपंचमी के दिन अवकाश की घोषणा की है। उज्जैन धार्मिक नगरी होने के साथ-साथ उत्सवों और पर्वों के लिए फेमस है। यहां रंगपंचमी को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी वजह से जिला प्रशासन ने त्योहार के दिन सभी सरकारी दफ्तर और स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है।
विदिशा
विदिशा के कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने भी बुधवार, 19 मार्च 2025 को रंगपंचमी पर अवकाश घोषित किया है। विदिशा में भी रंगपंचमी पर सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम और सामूहिक उत्सव होते हैं। यहां स्थानीय बाजारों और सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पहले से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राजधानी भोपाल
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी रंगपंचमी के दिन अवकाश रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा जारी आदेश के अनुसार वल्लभ भवन सहित सभी सरकारी कार्यालय इस दिन बंद रहेंगे। इसके अलावा सभी सरकारी स्कूल और कॉलेजों में भी छुट्टी घोषित की गई है। जमीन की रजिस्ट्री जैसे कार्य भी इस दिन नहीं होंगे। भोपाल में प्रशासन ने रंगपंचमी को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए पहले से ही सुरक्षा बलों की तैनाती और ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
इंदौर
इंदौर में रंगपंचमी का महत्व सबसे अधिक है। यहां हर साल रंगारंग ‘गेर यात्रा’ (Indore Ger Procession) निकाली जाती है, जो देश-विदेश में प्रसिद्ध है। इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इस यात्रा में लाखों लोग शामिल होते हैं। यह परंपरा पिछले सौ सालों से चली आ रही है। लोगों की बड़ी भीड़ और शहर में उत्सव के माहौल को देखते हुए प्रशासन ने 19 मार्च को अवकाश घोषित किया है। इंदौर में इस दिन स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ कुछ निजी संस्थानों में भी अवकाश रहेगा।
रंगपंचमी पर क्या-क्या रहेगा बंद?
घोषित अवकाश के अनुसार इन पांच जिलों में सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि बैंकों और प्राइवेट संस्थानों के लिए यह अवकाश बाध्यकारी नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे रंगपंचमी के दौरान संयम बरतें और सुरक्षित तरीके से त्योहार का आनंद लें।
त्योहार को लेकर प्रशासन ने कसी कमर
इन सभी जिलों में प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस बल तैनात किए गए हैं और प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुचारू रखने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर इंदौर में गेर यात्रा के दौरान कई रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा। भोपाल, उज्जैन और रतलाम में भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जा सके।
रंगपंचमी का ऐतिहासिक महत्व
रंगपंचमी होली के पांचवें दिन मनाई जाती है और इसे कई हिस्सों में होली का अंतिम चरण भी माना जाता है। मध्यप्रदेश में इस त्योहार की अलग ही धूम रहती है। खासकर इंदौर की गेर यात्रा और उज्जैन की रंग उत्सव परंपरा देशभर में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यह परंपरा करीब एक सदी से भी पुरानी है। इस दिन लोग सड़कों पर रंग खेलते हैं और सामूहिक रूप से जुलूस निकालते हैं।
इंदौर की गेर यात्रा क्यों है प्रसिद्ध?
इंदौर की गेर यात्रा एक भव्य और रंगारंग कार्यक्रम होता है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं। यह यात्रा राजवाड़ा से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरती है। ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुन पर रंगों में सराबोर होकर लोग इस जुलूस में नाचते और झूमते हैं। प्रशासन भी इस यात्रा के लिए विशेष तैयारियां करता है ताकि त्योहार सकुशल संपन्न हो सके।