RBI Action: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर सख्त कदम उठाते हुए 17 नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (CoR) रद्द कर दिया है। इसके अलावा, 20 अन्य एनबीएफसी कंपनियों ने कई कारणों से स्वेच्छा से अपना CoR सरेंडर कर दिया है।
पश्चिम बंगाल की कंपनियों पर बड़ा एक्शन
इस बार जिन 17 कंपनियों का लाइसेंस रद्द किया गया है, वे सभी पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। अब इन कंपनियों को एनबीएफसी के तौर पर कोई भी वित्तीय लेनदेन करने की पर्मिशन नहीं होगी। आरबीआई की इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य गैर-कानूनी वित्तीय गतिविधियों पर रोक लगाना और फाइनेंशियल सेक्टर में पारदर्शिता लाना है।
महाराष्ट्र की कंपनियों ने खुद सरेंडर किया लाइसेंस
आरबीआई के अनुसार, महाराष्ट्र स्थित दो एनबीएफसी कंपनियों ने स्वयं अपना CoR सरेंडर कर दिया है। इन कंपनियों ने बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट बिजनेस से बाहर होने का फैसला लिया है।
विलय और समामेलन के कारण 20 एनबीएफसी कंपनियों का CoR सरेंडर
बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर में हालिया बदलावों और कंपनियों के समामेलन/विलय/विघटन/स्वैच्छिक स्ट्राइक-ऑफ आदि के कारण कुल 20 एनबीएफसी कंपनियों ने अपना लाइसेंस सरेंडर किया है। इसका उद्देश्य फालतू की वित्तीय संस्थानों को हटाकर सिस्टम को अधिक कुशल बनाना है।
इन 17 कंपनियों का लाइसेंस हुआ रद्द
- जायन फाइनेंशियल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- नमोकर कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- सालासरजी मर्चेन्ट प्राइवेट लिमिटेड, हावड़ा
- ऑट्रेम एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- पीके मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- पैनोरमा फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- प्रशांत इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- रामुका कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- प्रेटियस मर्चेन्ट प्राइवेट लिमिटेड, हावड़ा
- कैसल फिनकॉन प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- किशोरराय ट्रेडिंग होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, हावड़ा
- गामा कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- इटामेरी कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड, हावड़ा
- दिव्या डीलर्स, कोलकाता
- प्रेफरेंस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
- आईटीसी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
इन प्रमुख कंपनियों ने स्वेच्छा से सरेंडर किया लाइसेंस
कुछ बड़ी कंपनियों ने भी वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करना बंद करने का फैसला लेते हुए अपना CoR सरेंडर किया है। इनमें रिलायंस, बिरला और आईडीएफसी ग्रुप की कंपनियां भी शामिल हैं।
रिलायंस और अन्य कंपनियां:
- मनोवे इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई, महाराष्ट्र)
- रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (मुंबई, महाराष्ट्र)
- सीआरबी एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड (पश्चिम बंगाल)
- अग्रवाल आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड
- आकाशगंगा सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड
- ब्रेन ट्रस्ट सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड
आईडीएफसी ग्रुप:
- आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (चेन्नई)
- आईडीएफसी लिमिटेड (चेन्नई)
बिरला ग्रुप:
- बिरला फैमिली इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई)
- बिरला टीएमटी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई)
आरबीआई की कार्रवाई का उद्देश्य
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस प्रकार की सख्त कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य वित्तीय प्रणाली में अनुशासन बनाए रखना है।
- फर्जीवाड़े पर लगाम: कई एनबीएफसी वित्तीय नियमों का पालन नहीं कर रही थीं, जिससे आर्थिक धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ रही थीं।
- पारदर्शिता: बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए यह कार्रवाई की गई।
- अवैध लेनदेन पर रोक: गैर-कानूनी गतिविधियों और अनधिकृत वित्तीय लेनदेन को रोकने के लिए यह कदम जरूरी था।