RBI Action: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर बैंकिंग नियमों के सही अनुपालन में लापरवाही करने वाले बैंकों पर सख्त कदम उठाते हुए जुर्माना लगाया है। इस संबंध में आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बैंकों के वित्तीय स्थिति की संवैधानिक जांच के दौरान कई नियमों के उल्लंघन सामने आए। जांच के बाद बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, और जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर आरबीआई ने यह कार्रवाई की।
किन बैंकों पर लगाया गया जुर्माना?
आरबीआई ने जिन बैंकों पर वित्तीय दंड लगाया है, उनमें बिहार स्थित द मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और द हॉन्गकॉन्ग एंड शांगहाई बैंकिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड शामिल हैं।
- द मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- द हॉन्गकॉन्ग एंड शांगहाई बैंकिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड पर 66.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
बैंकों ने किन नियमों का किया उल्लंघन?
आरबीआई द्वारा लगाए गए जुर्माने के पीछे बैंकों की कई अनियमितताएं सामने आई हैं।
द मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की गड़बड़ियां
- बैंक केवाईसी (Know Your Customer) नियमों का पालन नहीं कर सका।
- बैंक ने खातों की रिस्क जांच करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली स्थापित नहीं की। आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंकों को हर छह महीने में खातों का रिस्क बांटना अनिवार्य है, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।
द हॉन्गकॉन्ग एंड शांगहाई बैंकिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड की गड़बड़ियां
- बैंक ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) अलर्ट निपटान और समापन का काम अपनी एक ग्रुप कंपनी को आउटसोर्स कर दिया, जो आरबीआई के नियमों के खिलाफ है।
- कुछ उधारकर्ताओं की विदेशी मुद्रा रिस्क रिपोर्टिंग सेंट्रल इंफॉर्मेशन कमीशन (CIC) को नहीं दी गई।
- कुछ अयोग्य संस्थानों के नाम पर बचत खाते खोले गए, जो नियमों के विरुद्ध है।
ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं
हालांकि, आरबीआई ने साफ कर दिया है कि इस कार्रवाई का असर बैंक के ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। बैंक और ग्राहक के बीच हो रहे लेनदेन या किसी भी समझौते की वैधता पर इसका कोई असर नहीं होगा। यह जुर्माना केवल बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से लगाया गया है।
आईआईएफएल समस्त फाइनेंस लिमिटेड पर भी लगा जुर्माना
आरबीआई ने आईआईएफएल समस्त फाइनेंस लिमिटेड पर भी 33.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस कंपनी पर “निष्पक्ष व्यवहार संहिता” के निर्देशों के उल्लंघन के आरोप लगे हैं।
आईआईएफएल समस्त फाइनेंस लिमिटेड ने किए ये नियम उल्लंघन
- लोन ब्याज में अनियमितता: कुछ ग्राहकों को ऋण जारी करने की वास्तविक तिथि से पहले ब्याज लिया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
- एनपीए की गलत रिपोर्टिंग: 90 दिनों से अधिक बकाया लोन खातों को एनपीए (Non-Performing Asset) घोषित करने में देरी की गई।
- गलत ग्राहक पहचान कोड जारी किए: आरबीआई के नियमों के अनुसार, प्रत्येक ग्राहक को एक अलग ग्राहक पहचान कोड (Customer Identification Code – CIC) मिलना चाहिए, लेकिन कुछ मामलों में एक ही ग्राहक को कई कोड जारी कर दिए गए।
आरबीआई की कार्रवाई क्यों महत्वपूर्ण है?
आरबीआई का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखना और ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है। जब भी किसी बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता, तो यह धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, आरबीआई समय-समय पर सख्त कदम उठाता है ताकि बैंकिंग सेक्टर में अनुशासन बना रहे।