RBI Big Action: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ग्राहकों में हड़कंप मच गया है। बैंकिंग सेवाओं पर बैन लगते ही लोग अपनी मेहनत की कमाई को लेकर चिंतित हो गए हैं। ग्राहकों को अब अपने जमा पैसों की निकासी तक नहीं करने दी जा रही है। बैंक पर यह रोक उसकी वित्तीय स्थिति और निगरानी से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए लगाई गई है।
बैंक शाखाओं के बाहर लगी ग्राहकों की लंबी कतारें
मुंबई स्थित इस प्राइवेट बैंक पर प्रतिबंध की सूचना मिलते ही बैंक शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग अपने जमा पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। बैंक पर प्रतिबंध के कारण अब कोई भी नया लोन नहीं दिया जा सकेगा, न ही कोई नया खाता खोला जाएगा और सबसे बड़ी बात, ग्राहक अपने जमा पैसे भी नहीं निकाल सकेंगे। इससे लोगों की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ने लगा है।
मिडल क्लास परिवारों पर सबसे ज्यादा असर
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में ज्यादातर खाता धारक मिडल क्लास परिवारों से आते हैं। उनका अधिकतर पैसा इसी बैंक में जमा है। अचानक पैसे निकालने पर लगी रोक ने उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई लोगों को अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है, लेकिन बैंक पर लगी पाबंदी के चलते वे कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।
आरबीआई के फैसले से प्रभावित हुए लाखों ग्राहक
इस बैंक की गुजरात और महाराष्ट्र में कुल 32 शाखाएं हैं। जब आरबीआई ने बैंक पर बैन लगाया तो इन शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ लग गई। ग्राहकों की चिंता यह है कि उनका पैसा बैंक में फंस गया है और वे इसे कब और कैसे निकाल पाएंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
पैसा निकालने गए ग्राहकों को बैंक से मिली निराशा
बैंक शाखाओं पर पहुंचे ग्राहकों को बैंक कर्मचारियों ने पैसे निकालने से मना कर दिया। एक ग्राहक ने बताया कि उनके बैंक में कुल चार अकाउंट हैं और उनमें पांच लाख रुपये जमा हैं। जब वे बैंक से 40 हजार रुपये निकालने पहुंचे तो उन्हें अगले दिन आने के लिए कहा गया। अब उनके पास जरूरत की चीजें खरीदने तक के पैसे नहीं बचे हैं। यह ग्राहक पिछले 30 सालों से इस बैंक का खाताधारक है और अब उसे अपनी जमा पूंजी फंसी हुई लग रही है।
मेहनत की कमाई फंसने से हाउसवाइफ़ों में चिंता
बैंक के बाहर आई एक हाउसवाइफ संगीता ने बताया कि उन्होंने पाई-पाई बचाकर 1.20 लाख रुपये जोड़े थे, जिन्हें न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में जमा किया था। अब बैंक पर बैन लगने से उनके सामने एक गंभीर वित्तीय संकट आ खड़ा हुआ है। बैंक का यह प्रतिबंध उनके लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं है।
भूखे मरने की नौबत
महिमा नाम की एक महिला ग्राहक ने बताया कि उनका सैलरी अकाउंट भी इसी बैंक में है। उन्हें अचानक इमरजेंसी में कहीं जाना था, लेकिन जब ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं हुआ तो वे बैंक शाखा पहुंचीं। वहां उन्हें पता चला कि बैंक से पैसे निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर पैसे नहीं मिले तो मुंबई जैसे महंगे शहर में उनका गुजारा मुश्किल हो जाएगा।
चिकित्सा जरूरतों के लिए जमा पैसे भी नहीं निकाल पा रहे ग्राहक
एक अन्य ग्राहक निशा ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई और अपनी मेडिकल जरूरतों के लिए चार लाख रुपये इस बैंक में जमा किए थे। अब जब उन्हें इन पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब बैंक में लगे प्रतिबंध के कारण वे अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रही हैं। यह समस्या सिर्फ उनके साथ ही नहीं, बल्कि हजारों ग्राहकों के साथ हो रही है।
बैंक में जमा राशि पर एसी कन्डिशन
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में खाता रखने वाले लोग अब इस चिंता में हैं कि उनका पैसा सुरक्षित है या नहीं। आरबीआई की ओर से अभी तक इस पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं आया है कि बैंक कब तक अपनी सेवाएं फिर से शुरू करेगा और ग्राहकों को उनका पैसा कब तक मिलेगा।
ग्राहकों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
बैंक के बाहर जमा हुए ग्राहकों ने सरकार और आरबीआई से अपील की है कि जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकाला जाए। ग्राहक चाहते हैं कि बैंक के आर्थिक हालात को सुधारने के लिए कोई वैकल्पिक योजना बनाई जाए ताकि वे अपने पैसों तक पहुंच सकें।
बैंक के प्रबंधन से अब तक नहीं आया कोई ठोस जवाब
बैंक प्रबंधन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है कि यह समस्या कितने समय तक जारी रहेगी। बैंक के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि वे आरबीआई के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और इस समस्या का समाधान निकालने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।